नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: Pandit Ravishankar Shukla University ने 400 कर्मचारियों को शहर न छोड़ने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही सभी कर्मचारियों की छुट्टियों को 30 जुलाई के लिए रद कर दी गई है। दरअसल नैक (NAAC) की टीम के दौरे को लेकर तैयारियों में कोई कसर न छूटे इसलिए विवि प्रशासन ने यह कड़ा रूख अपनाया है।
बता दें कि नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल की टीम का दौरा 25 से 30 जुलाई के बीच प्रस्तावित है। इस दौरान विवि के हर विभाग, फाइल और दस्तावेज का मूल्यांकन किया जाएगा। सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि हर कर्मचारी को प्रतिदिन कार्यालय में उपस्थित रहकर काम करना होगा, चाहे रविवार हो या कोई अन्य अवकाश। नैक की टीम निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया जाएगा, और इसकी जवाबदेही संबंधित अधिकारी और कर्मचारी की होगी।
प्रशासन के अनुसार, ग्रेडिंग में सुधार लाना विवि की प्राथमिकता है। पिछले वर्षों में कमजोर प्रदर्शन के चलते विवि को आलोचना का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार नैक की टीम के सामने विवि खुद को बेहतर रूप में प्रस्तुत करना चाहता है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी कर्मचारियों से पूर्ण सहयोग और प्रतिबद्धता की अपील की है, ताकि मूल्यांकन के दौरान सभी विभाग संगठित, सक्रिय और रिकार्ड संधारित स्थिति में दिखाई दें। विवि प्रशासन ने इस संबंध में कर्मियों और अधिकारियों को मौखिक आदेश दिया है।
पंडित रवि शंकर शुक्ल विवि के पास वर्तमान में नैक ग्रेडिंग बी प्लस-प्लस है। दरअसल नैक ग्रेडिंग सात मापदंडों पर अलग-अलग स्तर पर सीजीपीए रेंज के अनुसार दिया जाता है। रैंक 1.50 से 3.76 से 4 के बीच होती है। पीआरएसयू का ग्रेड इस वक्त 2.76 से 3.00 के बीच है। इसका मतलब बहुत अच्छा है। पीआरएसयू का दावा है कि पिछली दफा उन्हें अनुसंधान, नवाचार में मिलने वाला 20 प्रतिशत नहीं मिल पाया था।
इस बार उनके पास रिसर्च से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट है। इसलिए उन्हें उम्मीद है कि इस बार उन्हें ए प्लस तक मिल जाएगा। 25 से 30 जुलाई के बीच नैक की टीम के आने के संकेत हैं। हालांकि एक- दो दिनों में टीम के आने की निर्धारित तिथि की घोषणा भी हो जाएगी।
यह भी पढ़ें: 'ईडी आ गई है...', बेटे के बर्थडे के दिन छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर पड़ा छापा, तो X पर लिखा ये पोस्ट
यूजीसी(विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) आरयूएसए (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) डीएसटी(विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग), आइसीएसएसआर (भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद) जैसी संस्थाओं से रिसर्च और विकास कार्यों के लिए ग्रांट या अनुदान उन्हीं कॉलेजों को मिलते हैं, जिनकी नैक ग्रेडिंग होती है।
बेहतर ग्रेड वाले कॉलेजों को बड़ी परियोजनाओं के लिए सरकारी फंडिंग में वरीयता दी जाती है। इसके अलावा ए या ए प्लस ग्रेड प्राप्त कालेजों को अधिक स्वतंत्रता दी जाती है। जिससे वे नए कोर्स शुरू करना, पाठ्यक्रम में बदलाव करना, परीक्षा व्यवस्था में लचीलापन जैसे फैसले स्वयं से ले सकते हैं।