
नईदुनिया प्रतिनिधि, राजनांदगांव/मोहला: मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम सीतागांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे वनअमले के कर्मचारियों और सुरक्षा बलों पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। विरोध में आक्रामक ग्रामीण सुरक्षाबलों पर लाठी-डंडे भी भांजे।
बड़ी संख्या में मौजूद महिलाएं विरोध में सबसे आगे खड़ी थीं, जिनके सामने प्रशासन भी बेबस था। स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए यहां भारी मात्रा में सुरक्षा बलों को बुलाना पड़ गया। कई जवानों के चोटिल होने की जानकारी है। बहरहाल, प्रशासन से बीच बातचीत के बाद ग्रामीण नरम पड़े।
जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम पूर्व में जारी नोटिस के आधार पर सीतागांव में वन भूमि पर बने मकानों और झोपड़ियों को तोड़ने पहुंची। वन विभाग की ओर से 13 मकानों को हटाने का नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका था। जैसे ही यहां मकानों को जेसीबी से हटाने की कार्रवाई शुरु हुई विवाद खड़ा हो गया। धीरे-धीरे पूरा गांव इकठ्ठा हो गया।
संयुक्त टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। हालात बिगड़ते देख सुरक्षा बल भेजा गया लेकिन तब ग्रामीण और भी आक्रोशित हो गए। महिलाएं पत्थर लेकर उनकी ओर दौड़ पड़ी। सुरक्षा बलों के लिए भी स्थिति संभालना मुश्किल हो गया। लगभग एक घंटे तक हालात इतने ही तनावपूर्ण बने रहे।
वनभूमि पर कब्जे का सर्वे सात साल पहले किया गया था। लेकिन इस पर कार्रवाई अब तक थमी रही। सीतागांव में ऐसे 13 अतिक्रमणों को हटाने नोटिस दिया जाता रहा है। प्रशासनिक टीम ने पहले यहां दो घरों को तोड़ने की कार्रवाई की। इसके बाद ही विरोध भड़क उठा। ग्रामीणों ने मांग की है कि यहां राजस्व जमीन नहीं है इसलिए वनभूमि में ही उन्हें जगह दी जाए।
ग्रामीणों के विरोध के बीच वनमंडल अधिकारी दिनेश पटेल यहां पहुंचे। ग्रामीण थाने के पास जुट गए और आक्रोश व्यक्त करते रहे। राजस्व और वन अमले के अधिकारियों ने प्रतिनिधि मंडल से थाने में ही चर्चा कर मामला सुलझाया। इस बात पर सहमति बनी कि मुख्य मकानों को छोड़कर अतिरिक्त कब्जों को तोड़ा जाएगा। अतिक्रमण हटाने मोहलत भी दी गई है।
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सहमति बनने के बाद दोबारा पुलिस बल के साथ डी एफ ओ दिनेश पटेल की अगुवाई में वन अमला व प्रशासनिक टीम अतिक्रमण स्थल पर पहुंची। बड़ी संख्या में ग्रामीण भी यहां मौजूद रहे। हालांकि पुलिस की रोकथाम और बनी सहमती के चलते आगे विरोध प्रदर्शन नहीं हो सका। इस दरमियान हल्की गहमागहमी के बीच वन महकमे ने जेसीबी की मदद से कब्जाधारियों के मुख्य मकानों को छोड़कर अतिरिक्त कब्जों को तोड़वाया।
सीतागांव में जिन ग्रामीणों ने वन भूमि पर कब्जा किया है, वे वर्ष 2018 से अवैध रूप से काबिज हैं। विभाग द्वारा उन्हें तीन बार नोटिस देकर कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए थे। ग्रामीणों से बातचीत के बाद यह तय किया गया है कि पक्के मकानों को फिलहाल नहीं तोड़ा जाएगा। बाड़ी, निर्माणाधीन मकान और अस्थायी संरचनाएं हटाई जाएंगी। कुछ स्थानों पर ईंट, गिट्टी और सरिया हटाने के लिए 15 दिनों की मोहलत भी दी गई है। पूरी कार्रवाई शांति और कानून के दायरे में की जाएगी।
-दिनेश पटेल, वन मंडलाधिकारी