नईदुनिया न्यूज, सुकमा : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मंगलवार को पोर्टा केबिन स्कूल में बच्चों के भोजन में फिनायल मिलाने के मामले में सुनवाई हुई। देर शाम को अधीक्षक की शिकायत पर पुलिस ने शिक्षक धनंजय साहू से पूछताछ शुरू कर दी है। पाकेला के आवासीय स्कूल में 400 से अधिक बच्चे रहते हैं।
इस मामले का हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस मामले को गंभीर बताते हुए राज्य के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामे के साथ जवाब तलब किया है।
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि 426 बच्चों के खाने में फिनायल मिला था। अगर कोई दुर्घटना हो जाती तो हालात संभालना मुश्किल हो जाता। यह बहुत ही गंभीर लापरवाही है और ऐसा कैसे हो रहा है,क्या कोई ध्यान नहीं देता।
बता दें कि इससे पहले बलौदाबाजार के मिडिल स्कूल में इसी साल 28 जुलाई को बच्चों को मिड-डे मिल में आवारा कुत्ते का जूठा भोजन परोसा गया था। इस मामले में भी हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पीड़ित 84 बच्चों को 25-25 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था। बलौदाबाजार और सुकमा के मामले में हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की।
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अब सुकमा मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। 21 अगस्त की रात भोजन में फिनायल मिला है। इसके बाद भोजन को नष्ट कराया गया। कलेक्टर की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी। वहीं, कांग्रेस की गठित जांच टीम और बस्तरिया राज मोर्चा के प्रतिनिधि पोर्टा केबिन पहुंचे थे।
पाकेला पोर्टा केबिन आवासीय स्कूल मामले में जांच टीम भेजी गई थी। फिलहाल कोई भी ठोस साक्ष्य नहीं मिला है। इसलिए मामले की एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-देवेश कुमार ध्रुव, कलेक्टर,सुकमा