
नईदुनिया प्रतिनिधि, सुकमा: सीमावर्ती प्रदेश तेलंगाना में कई बड़े माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने शनिवार देर शाम जिला मुख्यालय का दौरा किया। रविवार को बड़े कैडर के माओवादी आत्मसमर्पण करने की संभावना जताई जा रही है।
बता दें कि गृहमंत्री ने माओवाद पुनर्वास केंद्र का दौरा किया, जहां उन्होंने आत्मसमर्पित माओवादियों से चर्चा की। इस दौरान, उन्होंने बताया कि समर्पित माओवादियों के स्वजन बाजार के दिन उनसे मिल सकते हैं। यदि चाहें, तो स्वजन सामूहिक विवाह भी करवा सकते हैं। उन्होंने माओवादियों से आत्मसपर्मण की अपील करते हुए कहा, “आ जाएं, समय ज्यादा नहीं है, तैयारी पूरी है।”
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में डीजीपी शिवधर रेड्डी के सामने 37 भूमिगत माओवादियों ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है। इनमें प्रमुख माओवादी कोयड्डा संबैया उर्फ आजाद, अप्पासी नारायण उर्फ रमेश और मूचकी सोमादा उर्फ एर्रा शामिल हैं, जिन पर 20-20 लाख रुपये का इनाम था। ये तीनों लंबे समय से तेलंगाना और दंडकारण्य क्षेत्र में संगठन की रणनीति और प्रशिक्षण गतिविधियों के केंद्रीय स्तंभ माने जाते थे।
समर्पण करने वाले माओवादियों का कहना है कि सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और दबाव ने भूमिगत जीवन को लगभग असंभव बना दिया था। समर्पण करने वालों में दक्षिण बस्तर दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी की सदस्य मदावी सोना और टीम प्रभारी हेमला अडुमे रीना भी शामिल हैं। ये दोनों सुकमा-बीजापुर क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों के महत्वपूर्ण अंग माने जाते थे।
हिड़मा के लड़ाकू दल के प्रमुख माओवादी मदावी कोसा उर्फ रमेश और नुपो सुकी भी आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल हैं। लड़ाकू दल में शामिल माओवादी आमतौर पर लंबे समय तक संगठन से अलग नहीं होते, इसलिए उनका मुख्यधारा में लौटना बड़ा झटका माना जा रहा है।
इसके साथ ही दक्षिण बस्तर के विभिन्न हिंसक दलों, प्रेस टीम, सप्लाई टीम, सुरक्षा दस्तों और कृषि इकाइयों से जुड़े 23 अन्य माओवादियों ने भी समर्पण किया। इस दौरान, सात सदस्यों ने अपने हथियार भी पुलिस के हवाले किए, जिनमें आठ बंदूकें, एक एके-47, दो एसएलआर और चार थ्रीनाटथ्री रायफलें शामिल हैं।
समर्पित माओवादियों ने बताया कि संगठन में बढ़ती वैचारिक खाई, नेतृत्व में अविश्वास, गुटबाजी और कठोर जीवनशैली ने उन्हें परेशान कर दिया था। शीर्ष नेतृत्व की विचारधारा और जमीनी हकीकत के बीच भारी अंतर ने कई कैडरों को निराश किया।
समर्पण करने वाले माओवादियों को तेलंगाना सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 1,41,05,000 रुपये की राशि चेक और डिमांड ड्राफ्ट के रूप में प्रदान की गई। इसमें स्टेट कमेटी मेंबर को 20 लाख रुपये, डिविजनल कमेटी सदस्यों को पांच लाख, एरिया कमेटी मेंबर को चार लाख और पार्टी सदस्य को एक लाख रुपये दिए गए। इसके अतिरिक्त, हथियार जमा करने पर भी अलग से इनाम जारी किया गया।