
नईदुनिया प्रतिनिधि, सूरजपुर: रामानुजनगर विकासखंड के ग्राम नारायणपुर स्थित निजी विद्यालय हंस वाहिनी विद्या मंदिर में शिक्षा के नाम पर अमानवीय हरकत का मामला सामने आया है। नर्सरी के एक मासूम बच्चे को होमवर्क न करने और शरारत की शिकायत पर स्कूल की दो शिक्षिकाओं ने टी-शर्ट के सहारे पेड़ में लटकाकर सजा दी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है।
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में होमवर्क नहीं करने पर नर्सरी क्लास के बच्चे को प्राइवेट स्कूल की शिक्षिकाओं ने पेड़ से लटकाकर सजा दी। pic.twitter.com/807aE3WjUy
— NaiDunia (@Nai_Dunia) November 25, 2025
वीडियो सामने आते ही बच्चे के स्वजन स्कूल पहुंचे और जमकर हंगामा किया। बाद में प्रबंधन ने उन्हें मनाने की कोशिश की। इसी बीच रामानुजनगर पुलिस और बीईओ डीएस लकड़ा भी मौके पर पहुंचे और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी। मामले में डीईओ अजय मिश्रा से प्रतिक्रिया लेने के लिए कई बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्कूल में पहले भी बच्चों को अमानवीय तरीके से दंड देने की घटना हो चुकी हैं। यहां तक कहा गया कि कुछ बच्चों को कुएं में लटकाने तक की बातें भी सामने आई हैं। हालांकि स्कूल प्रबंधन ने इन आरोपों से इनकार किया है।
स्कूल संचालक सुभाष शिवहरे ने कहा कि आजकल के बच्चे उदण्ड और हाईब्रिड हैं। इन्हें डराने के लिए ऐसा करना पड़ता है। यह बयान न केवल गैर जिम्मेदाराना है बल्कि बच्चों की मनोवैज्ञानिक सुरक्षा के प्रति संवेदनहीनता को भी दर्शाता है।
कानून के मुताबिक इस घटना ने सीधे तौर पर कई शिक्षा और बाल संरक्षण नियमों का उल्लंघन किया है। आरटीई एक्ट 2009 की धारा 17 के तहत बच्चों पर शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न पूरी तरह प्रतिबंधित है। जेजे एक्ट 2015 के तहत बच्चे के साथ किसी भी प्रकार का अपमानजनक व्यवहार दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
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राष्ट्रीय बाल नीति 2013 में विद्यालय परिसर में बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्कूल शिक्षा विभाग के दिशा निर्देश में भी छात्रों को पेड़, खंभे या किसी भी वस्तु से बाँधकर सजा देना गंभीर दंडात्मक उल्लंघन है। इन स्पष्ट नियमों के बावजूद मासूम बच्चे को पेड़ पर लटकाना न सिर्फ अवैधानिक है बल्कि क्रूरता की पराकाष्ठा भी माना जा रहा है।
घटना का वीडियो प्रसारित होने के बाद डीईओ ने उन्हें तत्काल जांच करने भेजा है। यह कृत्य अमानवीय है। जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। जांच रिपोर्ट डीईओ को भेजी जाएगी।
-डीएस लकड़ा ,बीईओ रामानुजनगर