
नईदुनिया प्रतिनिधि, सूरजपुर: जिले के नारायणपुर स्थित निजी विद्यालय हंस वाहिनी विद्या मंदिर में केजी-टू के एक मासूम बच्चे को होमवर्क न करने और शरारत करने के आरोप में शिक्षिका काजल साहू द्वारा पेड़ से लटकाने की घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है।
जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी रामानुजनगर द्वारा की गई जांच में विद्यालय प्रबंधन का बयान भी सामने आया है। इसमें उन्होंने स्वीकार किया कि छात्र होमवर्क नहीं कर रहा था और उदण्डता के कारण उसे सबक सिखाने के लिए पेड़ में लटकाकर सजा दी गई।
इस अमानवीय व्यवहार को शिक्षा विभाग ने बाल संरक्षण नियमों का घोर उल्लंघन मानते हुए तत्काल कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की। शिक्षिका काजल साहू को घटना पर स्पष्टीकरण देने कहा गया, परंतु जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर विद्यालय प्रबंधन ने उसे बर्खास्त कर दिया है। साथ ही जिला प्रशासन की ओर से विद्यालय प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है।
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि उक्त विद्यालय एक कच्चे आवासीय मकान में संचालित है और आठवीं तक मान्यता होने के बाद भी अधोसंरचना मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। विद्यालय में कुल 146 विद्यार्थी दर्ज हैं तथा इसे शिक्षा विभाग द्वारा सशर्त अस्थायी मान्यता प्रदान की गई थी।
नियम 6.2 के अनुसार किसी भी छात्र को शारीरिक दंड या मानसिक उत्पीड़न नहीं दिया जा सकता, वहीं नियम 6.9 के तहत विद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप ही प्रवेश दिए जाने चाहिए। इन दोनों मानकों का गंभीर उल्लंघन पाया गया। इसी आधार पर जिला प्रशासन ने विद्यालय को कारण बताओ नोटिस देकर दो दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है, अन्यथा आगे की कार्रवाई तय है।
घटना को कलेक्टर एस. जयवर्धन ने गंभीरता से लेते हुए घटना की पुनरावृत्ति रोकने सख्त निर्देश दिए है। वहीं डीईओ को निर्देशित किया है कि वे जिले में संचालित सभी निजी विद्यालयों की समीक्षा करें और निर्धारित मानकों का पालन नही करने वाले विद्यालयों पर तत्काल वैधानिक कार्रवाई करें।
डीईओ द्वारा सभी प्राचार्यों और प्रबंधकों की बैठक ली गई और सख्त निर्देश जारी किए गए कि किसी भी हाल में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार या दंड की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। जिले में संचालित निजी विद्यालयों की विस्तृत जांच के बाद पाया गया कि कई विद्यालय जमीनी स्तर पर संचालित ही नहीं हैं या फिर मानकों का पालन नहीं कर रहे। इसी आधार पर वर्ष 2025-26 में संचालित 32 निजी विद्यालयों की मान्यता समाप्त करने की बड़ी कार्रवाई की गई है।
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घटना ने शिक्षा व्यवस्था में निजी स्कूलों की मनमानी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन ने यह संकेत दे दिया है कि बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का गलत व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मानकों का पालन न करने वाले विद्यालय बंद होंगे और बाल सुरक्षा नियमों के तहत कठोर कदम जारी रहेंगे। यह कार्रवाई जिले में शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।