नईदुनिया प्रतिनिधि, प्रतापपुर (सुरजपुर): सरगुजा संभाग के वन क्षेत्र में हाथियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। वन मंडल सूरजपुर के वन परिक्षेत्र घुई में फिर से एक ग्रामीण युवक को हाथी ने कुचल कर मार डाला है। इससे पहले भी 14 जुलाई को वन परिक्षेत्र घुई में हाथी के हमले में एक ग्रामीण की मौत हुई थी।
घटना बुधवार तड़के की है। घुई के करचोला गांव का रहने वाला बलदेव सिंह भैंसों की रखवाली के लिए रोज रात को झाले में सोता था। मंगलवार को भी वह झाले में सोने चला गया था। इसी बीच बुधवार तड़के वहां एक हाथी आ धमका। गहरी नींद में बलदेव को हाथी के आने की भनक नहीं लगी। हाथी ने उसे अपनी चपेट में लिया और सूंड़ में लपेटकर खटिया सहित जमीन में पटक दिया। जमीन पर गिरने के बाद वह बचने का प्रयास कर रहा था कि तभी हाथी ने उसे अपने पैरों से भी कुचल दिया।उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलने पर घुई के वनकर्मी क्षतविक्षत शव का पोस्टमार्टम कराने स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर लेकर पहुंचे। पोस्टमार्टम पश्चात शव स्वजनों को सौंपते हुए पच्चीस हजार की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई।
वन परिक्षेत्र घुई के करचोला में ग्रामीण की जान लेने के बाद हाथी ने वहीं पर स्थित एक अन्य ग्रामीण बुधराम देवांगन के घर को भी निशाना बनाया। भनक लगते ही बुधराम व उसके स्वजन किसी तरह से जान बचाते हुए घर से बाहर निकले और शोर मचाया। शोर सुनकर बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा।
ग्रामीणों का कहना है कि वन परिक्षेत्र में बस्तियों की ओर हाथियों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। वर्तमान में यहां का प्रभार बिहारपुर के रेंजर मेवालाल पटेल संभाल रहे हैं। बिहारपुर से घुई की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। इसलिए रेंजर कभी कभार ही वन परिक्षेत्र घुई आते हैं और खानापूर्ति कर लौट जाते हैं।
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उन्होंने अपनी सारी जिम्मेदारी घुई के डिप्टी रेंजर सुरेन्द्र सिंह को दे रखी है पर वे भी घुई में न रहते हुए प्रतापपुर स्थित अपने घर से आना जाना करते हैं। जिम्मेदारों की इस लापरवाही के कारण ही ग्रामीणों को हाथियों की आवाजाही की कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। इसका खामियाजा ग्रामीणों को अपने जानमाल के नुकसान के रूप में भुगतना पड़ता है।