नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर। सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक दीपक कुमार झा ने रिश्वतखोरी की शिकायत पर सख्त कार्रवाई की है। आइजी के निर्देश पर मणिपुर थाने में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक को लाइन अटैच करने के साथ ही सरगुजा में संबद्धता को समाप्त कर मूल जिला कोरिया भेज दिया गया है। उधर नगर सेना के संभागीय कमांडेंट राजेश पांडेय ने नगर सैनिक ओमप्रकाश दुबे को निलंबित कर दिया है।
आइजी दीपक झा ने इस पूरे प्रकरण की जांच आरंभ करा दी है। जानकारी के अनुसार अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में कार्यरत रहे चिकित्सक ने संबंधित अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध मणिपुर थाने में शिकायत की थी। लेनदेन की शिकायत पर मणिपुर पुलिस ने प्रकरण की जांच की थी। जांच के दौरान असंज्ञेय अपराध बताकर थाने से फैना काटकर दे दिया गया था। पुलिस के कामकाज से अनभिज्ञ चिकित्सक अपने प्रकरण के सिलसिले में थाने आना-जाना करते थे।
पिछले दिनों चिकित्सक ने पुलिस महानिरीक्षक दीपक कुमार झा से मुलाकात की। उन्होंने लिखित शिकायत सौंपा। इसमें सहायक उप निरीक्षक धीरज गुप्ता तथा नगर सैनिक पर रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप लगाया गया था। चिकित्सक का आरोप है कि यूपीआई के माध्यम से नगर सैनिक ने पांच हजार रुपये लिए। इसका स्क्रीनशॉट भी उन्होंने प्रस्तुत किया।
उनके क्लिनिक में जाकर और 23 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया गया। इसमें 10,000 रुपये थाना प्रभारी के नाम पर, 8,000 रुपये सहायक उप निरीक्षक के नाम पर और 5,000 रुपये अन्य खर्च के नाम पर लिए गए। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए आइजी दीपक झा ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए। सहायक उप निरीक्षक को तत्काल लाइन अटैच कर दिया गया।
जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि सहायक उप निरीक्षक धीरज गुप्ता की मूल पदस्थापना कोरिया जिले में है लेकिन वे सरगुजा में संबद्ध है तो उनकी संबद्धता भी समाप्त कर कोरिया जिला भेज दिया गया। नगर सैनिक को नगर सेना के संभागीय कमांडेंट ने निलंबित कर दिया है। आइजी ने इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत दिया है कि रिश्वतखोरी की शिकायतों पर त्वरित जांच और कार्रवाई की जाएगी।