नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सत्र 2025-26 से उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू कर दी। चार वर्षीय स्नातक कर चुके छात्र-छात्राएं एक वर्षीय स्नातकोत्तर कोर्स कर सकेंगे। नया सिलेबस बनाया जा रहा है। परीक्षा स्कीम में संशोधन का प्रस्ताव बनाया गया है। इस बीच देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने NEP के अंतर्गत एक वर्षीय पीजी की अंकसूची के बारे में भी पूछा है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक एक वर्षीय पीजी में कई विषय जुड़े हैं। साथ ही मुख्य-इंटरनल परीक्षा के अंकों में बदलाव किया गया है। वहीं अंकों के बजाय क्रेडिट पाइंट रखे जाएंगे।
वर्ष 2020 में विभाग ने स्नातक में एनईपी लागू की थी। चार वर्षीय कोर्स की पहली बैच 2025 में उत्तीर्ण हुई है। प्रदेशभर से करीब 17 हजार विद्यार्थी अब एक वर्षीय पीजी के लिए पात्र हो चुके हैं। इनमें से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के लगभग साढ़े तीन हजार छात्र-छात्राएं शामिल हैं।
विभाग ने संकेत दिए हैं कि पीजी के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है, जिसमें दो दर्जन से अधिक विषय शामिल होंगे। विद्यार्थियों को मेजर और माइनर विषय चुने गए हैं। प्रवेश प्रक्रिया इंटरव्यू के आधार पर की गई। चयनित छात्रों को मेरिट सूची में स्थान दिया गया।
एक वर्षीय पीजी कोर्स में दो सेमेस्टर होंगे। साल पूरा होने पर विद्यार्थियों को अंकसूची दी जाएगी, लेकिन उसका प्रारूप पहले से अलग होगा। अब अंकों की जगह क्रेडिट पाइंट दिए जाएंगे। साथ ही मुख्य और आंतरिक परीक्षा के पासिंग मार्क्स भी तय कर दिए गए हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने इस संबंध में विभाग को पत्र लिखकर स्पष्टता मांगी है। विभाग ने संकेत दिए हैं कि अंकसूची का नया प्रारूप एजेंसी से तैयार करवाया जाएगा।
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सहायक कुलसचिव डॉ. विष्णु मिश्रा का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति वाले पीजी कोर्स की अंकसूची का प्रारूप बदला जाएगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है।