नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर के निजी स्कूलों में नवीन शिक्षण सत्र के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। यदि आप भी अपने बच्चे का प्रवेश किसी बड़े निजी स्कूल में कराने की योजना बना रहे हैं, तो स्कूल प्रबंधन द्वारा बताए गए "फीस स्ट्रक्चर" पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
दाखिले से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि स्कूल जो फीस आपसे मांग रहा है, क्या वही उसने सरकारी पोर्टल पर भी दर्ज की है।
निजी स्कूलों की फीस का विवरण पोर्टल पर अपलोड
दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) के कड़े निर्देशों के बाद ग्वालियर के लगभग सभी निजी स्कूलों ने अपनी फीस का पूरा विवरण पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। शासन का नियम है कि कोई भी स्कूल पोर्टल पर घोषित फीस से एक रुपया भी अधिक नहीं वसूल सकता।
पोर्टल से मिलान करना क्यों है जरूरी
अक्सर देखा जाता है कि कई स्कूल हिडन चार्जेस या अन्य मदों के नाम पर अभिभावकों से अतिरिक्त वसूली करते हैं। चूंकि अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है, ऐसे में स्कूलों में दौड़-भाग शुरू हो गई है।
अभिभावकों के लिए यह जानना जरूरी है कि स्कूलों ने पोर्टल पर ट्यूशन फीस, बस फीस और अन्य शुल्कों की जानकारी विस्तार से दी है।
कई बार पोर्टल पर कम फीस दिखाई जाती है ताकि सरकारी कार्रवाई से बचा जा सके, लेकिन कागजों पर फीस अधिक वसूली जाती है। यदि पोर्टल और रसीद में अंतर मिलता है, तो यह फीस नियामक अधिनियम का सीधा उल्लंघन है।
ऐसे चेक करें अपने स्कूल की फीस
अभिभावक लोक शिक्षण संचालनालय के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर अपने क्षेत्र या स्कूल का नाम सर्च कर सकते हैं। यहां स्कूल द्वारा सत्र 2026-27 के लिए प्रस्तावित फीस की पूरी जानकारी उपलब्ध है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि एडमिशन फार्म भरने से पहले इसका स्क्रीनशाट या प्रिंट जरूर ले लें, ताकि भविष्य में फीस विवाद की स्थिति में आपके पास पुख्ता सबूत हो।
ऐसे समझें...
शिवपुरी लिंक रोड पर स्थित एक निजी स्कूल की कक्षा एक की सत्र 2025-26 वार्षिक फीस 107500 रुपये थी। लेकिन यदि अब कोई नए सत्र 2026-27 में बच्चे को कक्षा एक में प्रवेश दिलाएगा तो उसे 112500 रुपये भुगतान करना होगा। इसमें स्कूल के विभिन्न मदों यहां तक कि परिवहन शुल्क भी शामिल है।
यह फीस डीपीआइ के पोर्टल पर स्कूल प्रबंधन ने अपलोड की है। यदि स्कूल में प्रवेश दिलाते समय इससे अधिक फीस ली जाती है तो इस बात की शिकायत शिक्षा विभाग व प्रशासन से कर सकते हैं।
कई स्कूलों ने पोर्टल पर फीस का स्ट्रक्चर लोड किया है, लेकिन उसमें परिवहन की फीस जुड़ी नहीं है। साथ ही कुछ स्कूलों ने कुछ मदों को नहीं खोला है। लेकिन प्रवेश दिलाते समय प्रबंधन से बात कर लें।
फीस को लेकर कहां कर सकते हैं शिकायत
यदि किसी स्कूल में अभिभावक से पोर्टल पर दर्शायी फीस से अधिक वसूल की जा रही है, तो इस बात की शिकायत सीधे जिला शिक्षा अधिकारी व जिला प्रशासन से की जा सकती है। यदि शिकायत सही पाई जाती है तो स्कूल पर नियमानुसार कार्रवाई हो सकती है और उसकी मान्यता भी रद हो सकती है।
प्राइवेट स्कूलों को अपनी फीस का स्ट्रक्चर लोक शिक्षण विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना है। साथ ही जो फीस अपलोड की है उसी के मुताबिक उन्हें अभिभावक से लेनी है। इससे अधिक नहीं ले सकते। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है और अभिभावक शिकायत करते हैं तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-हरिओम चतुर्वेदी, जिला शिक्षा अधिकारी।