
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार सत्र 2026-27 में प्रदेश के लगभग 4500 प्राथमिक विद्यालयों में 'बाल वाटिका' (प्री-प्राइमरी कक्षाएं) शुरू करने जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों को औपचारिक स्कूली शिक्षा से पहले खेल-खेल में सीखने का माहौल प्रदान करना है। इन वाटिकाओं में बच्चों के लिए रंग-बिरंगे क्लासरूम, खिलौने और विशेष रूप से तैयार किया गया पाठ्यक्रम होगा।
यह निजी प्ले स्कूल की तर्ज पर सांदीपनि विद्यालय खुलेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मप्र के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक संख्या में बाल वाटिकाएं शुरू करने का सुझाव दिया था। अगले सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
बता दें, कि शासन की ओर से करीब 24 हजार आंगनबाड़ियों को प्ले स्कूल के रूप में विकसित किए जाने की तैयारी है। प्रदेश में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा को मजबूती प्रदान करने और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह पहल की जा रही है।
बाल वाटिकाओं को बनाया जाएगा आकर्षक
अब तक सरकारी स्कूलों में सीधे पहली कक्षा से पढ़ाई शुरू होती थी, जिससे निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूल के बच्चे पिछड़ जाते थे। अब बाल वाटिकाओं के माध्यम से तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इन वाटिकाओं में बच्चों के बैठने के लिए आकर्षक फर्नीचर, खिलौने और रंगीन दीवारें होंगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इन स्कूलों का चयन उन परिसरों में किया गया है, जहां पहले से प्रायमरी स्कूल संचालित हैं, ताकि बच्चों को एक ही परिसर में निरंतरता मिल सके।
खेल और गतिविधियों से होगी पढ़ाई
बाल वाटिकाओं में बच्चों पर पढ़ाई का बोझ नहीं होगा। यहां बच्चों को एनसीईआरटी द्वारा तैयार विशेष पाठ्यक्रम 'विद्या प्रवेश' के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इन कक्षाओं में एलईडी स्मार्ट टेलीविजन लगाए जा रहे हैं। इनका उपयोग बच्चों को हिंदी व अंग्रेजी वर्णमाला, गिनती और पूर्व प्राथमिक शिक्षा गतिविधियों के विजुअल टूल्स के माध्यम से सीखाया जाएगा। इसके अलावा पेंटिंग, मिट्टी के खिलौने बनाना, कविताएं और कहानी सुनाने के माध्यम से बच्चों को सिखाया जाएगा।
शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा
प्राथमिक शिक्षकों को विशेष तौर पर छोटे बच्चों को खेल-खेल में उन्हें आधुनिक तरीकों से सिखाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। अतिथि शिक्षकों को भी रखा जाएगा।
निजी प्ले स्कूल की तर्ज पर खुलेंगे
निजी स्कूलों में नर्सरी और केजी की महंगी फीस के कारण बच्चे गुणवत्तापूर्ण शुरुआती शिक्षा से वंचित रह जाते थे। बाल वाटिकाएं इस अंतर को खत्म करेंगी। इस योजना से न केवल सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ेगी, बल्कि बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में भी कमी आने की उम्मीद है।
200 सांदीपनि विद्यालय बनेंगे
डॉ. अरुण सिंह, अपर संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र का कहना है कि "प्रदेश के 200 हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों को सर्वसुविधायुक्त बनाकर सांदीपनि विद्यालय भी खुलेंगे, ताकि विद्यार्थी सर्वसुविधायुक्त भवन में पढ़ाई कर सकेंगे। सत्र 2026-27 से प्रदेश के 4500 सरकारी स्कूलों में प्री-प्रायमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इन कक्षाओं में बच्चों का सर्वसुवगीण विकास होगा।"