नईदुनिया, बिलासपुर: अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। अब वे स्वंय पोर्टल (Swayam Portal Online Cource) के माध्यम से आनलाइन पढ़ाई कर 30 प्रतिशत अंक अर्जित कर सकेंगे। शेष 70 प्रतिशत अंक नियमित परीक्षा से प्राप्त होंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया। इससे हजारों विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली आनलाइन शिक्षा का लाभ मिलेगा।
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क्रेडिट ट्रांसफर की मान्यता
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्वंय पाठ्यक्रमों को क्रेडिट ट्रांसफर की मान्यता दी है। यानी आनलाइन अध्ययन से अर्जित अंक विश्वविद्यालय द्वारा मान्य किए जाएंगे। कुलपति ने निर्देश दिया कि स्नातक स्तर पर तृतीय सेमेस्टर के सभी छात्रों को एमएटीए विषय का अध्ययन एवं परीक्षा स्वंय पोर्टल के माध्यम से कराई जाएगी। इसके साथ ही महाविद्यालय स्तर पर छात्रों को जागरूक करने लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
आत्मनिर्भर बनने का अवसर
स्वंय पोर्टल की सबसे बड़ी खूबी इसका लचीलापन है। छात्र अपनी सुविधा और समय के अनुसार पाठ्यक्रम का अध्ययन कर सकते हैं। इससे वे नियमित कक्षाओं के साथ आनलाइन पढ़ाई को भी संतुलित कर पाएंगे। पोर्टल मिश्रित शिक्षाको प्रोत्साहित करता है और छात्रों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर देता है।
डिजिटल खाई पाटेगा स्वंय
विशेषज्ञों का मानना है कि स्वंय पोर्टल ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों के लिए वरदान साबित होगा। जो सुविधाएं पहले बड़े शहरों तक सीमित थीं, अब इंटरनेट के जरिये हर छात्र तक पहुंचेंगी। इससे शिक्षा में समानता और गुणवत्ता दोनों बढ़ेगी। यह पहल समावेशी शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा
यूजीसी ने हाल ही में स्वंय के पाठ्यक्रमों को क्रेडिट ट्रांसफर की मान्यता प्रदान की है। इसका अर्थ है कि छात्र आनलाइन अध्ययन से प्राप्त अंकों को अपने विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में शामिल कर सकेंगे। इस पहल से आनलाइन शिक्षा को वैधता और छात्रों को अतिरिक्त अवसर मिलेगा।
'उच्च शिक्षा को मिलेगी नई ऊंचाई'
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने कहा, ' स्वंय पोर्टल उच्च शिक्षा को नई ऊंचाई देने वाला अभिनव कदम है। विद्यार्थियों को लचीला व गुणवत्तापूर्ण अध्ययन मिलेगा। हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के छात्र डिजिटल युग की चुनौतियों के अनुरूप आगे बढ़ें। यह पहल न सिर्फ ज्ञान का दायरा बढ़ाएगी, अंचल के हर छात्र को समान अवसर भी उपलब्ध कराएगी।'
आनलाइन पाठ्यक्रम परामर्शदात्री समिति की बैठक
विश्वविद्यालय में आयोजित आनलाइन पाठ्यक्रम परामर्शदात्री समिति की बैठक में कुलसचिव तारणीश गौतम, परीक्षा नियंत्रक डा.तरुण धर दीवान, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. एचएस. होता, डा. जीवीएसके कलाधार, वरिष्ठ प्राचार्यों में डा.पीके. पाण्डेय, डा.आर.एस. खेर, डा. उमेश श्रीवास्तव, डा.किरण चौहान, डा. डीएन. शर्मा, डा.अर्चना शुक्ला और नोडल अधिकारी डा. जितेन्द्र कुमार गुप्ता उपस्थित थे।
इस महत्वपूर्ण बैठक में बताया गया कि स्वंय पोर्टल भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे शिक्षा मंत्रालय ने विकसित किया है। इस पर देश के नामी संस्थानों जैसे आइआइबटी, आइआइएम और केंद्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ दूरदराज और पिछड़े इलाकों के छात्रों को होगा, जिन्हें अब घर बैठे उच्चस्तरीय शिक्षा मिलेगी।