
एजुकेशन डेस्क: यूजीसी की आधिकारिक सूची अक्टूबर 2025 (UGC Fake University List 2025) के अपडेट के बाद सामने आया कि देश में कई संस्थान बिना मान्यता के डिग्री दे रहे हैं। खासकर राजधानी दिल्ली में सबसे ज़्यादा फर्जी विश्वविद्यालय पाए गए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। इन घोटालों से बचने के लिए नीचे राज्यवार यूजीसी द्वारा घोषित फर्जी विश्वविद्यालयों की पूरी सूची दी जा रही है ताकि विद्यार्थी और उनके परिवार सचेत हों।
1. अखिल भारतीय लोक एवं शारीरिक स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान (एआईआईपीएचएस) राज्य सरकार विश्वविद्यालय
2. कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दरियागंज
3. संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय
4. व्यावसायिक विश्वविद्यालय
5. एडीआर-केंद्रित न्यायिक विश्वविद्यालय
6. भारतीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग संस्थान
7. स्वरोजगार के लिए विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय
8. आध्यात्मिक विश्वविद्यालय (Spiritual University)
9. संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय (WPUNU) का विश्व शांति
10. प्रबंधन और इंजीनियरिंग संस्थान
1. गाँधी हिन्दी विद्यापीठ, प्रयाग, इलाहाबाद
2. नेताजी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय (मुक्त विश्वविद्यालय)
3. भारतीय शिक्षा परिषद्, लखनऊ
4. महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय, नोएडा
1. क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी
2. बाइबिल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया
1. भारतीय वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान, कोलकाता
2. वैकल्पिक चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता
1. इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ प्रोफेटिक मेडिसिन (IIUPM)
2. सेंट जॉन्स विश्वविद्यालय, किशनट्टम
1. राजा अरबी विश्वविद्यालय, नागपुर
1. श्री बोधि उच्च शिक्षा अकादमी
यूजीसी मान्यता न होने वाली डिग्रियां औपचारिक रूप से बेअसर मानी जाती हैं; ऐसी डिग्रीधारक आगे चलकर नौकरी, उच्च शिक्षा या विदेशी दाखिले में समस्याओं का सामना कर सकते हैं। इसलिए दाखिले से पहले संस्थान के नाम, उसके पते, शिक्षक-छात्र अनुपात और कॉलेज के कामकाज संबंधी विवरण यूजीसी की वेबसाइट पर मिलान करें। ऑनलाइन विज्ञापन और फर्जी दस्तावेज अक्सर आकर्षक ऑफर दिखाते हैं। कीमत और सुविधाओं के बहाने भर्ती करने वाले संस्थान संदिग्ध होते हैं।
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पुख्ता जांच के लिए उम्मीदवार अपने दस्तावेज़, शिक्षण संस्थान के पते, और ट्रस्टी/प्रबंधकों की जानकारी क्रॉस-चेक करें। यदि कोई संस्थान संदिग्ध लगे तो नजदीकी शैक्षिक विभाग या यूजीसी से संपर्क करें। जानकारी साझा करें ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इन घोटालों से बचें और अपनी पढ़ाई सुरक्षित रख सकें। विद्यार्थी और अभिभावक सतर्क रहें, और किसी भी संदेह पर आधिकारिक सत्यापन अवश्य कराएँ।