डिजिटल डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में जबरदस्त नाराजगी सामने आई है। पार्टी के भीतर असंतोष अब खुलकर बगावत में बदल गया है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों ने टिकट बंटवारे में धनबल, पक्षपात और सिफारिश का आरोप लगाते हुए प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा है।
शनिवार को पटना में हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के रिसर्च सेल के अध्यक्ष एवं प्रवक्ता आनंद माधव, खगड़िया सदर के विधायक छत्रपति यादव, पूर्व विधायक गजानंद शाही और सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी, बांका जिलाध्यक्ष कंचना कुमारी सिंह, सारण जिला अध्यक्ष बच्चू कुमार वीरू, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार राजन व नागेन्द्र पासवान विकल, एआईसीसी सदस्य मधुरेन्द्र कुमार सिंह, तथा खेल प्रकोष्ठ के चेयरमैन प्रद्युमन कुमार सिंह समेत एक दर्जन से अधिक नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाए।
इन नेताओं ने आरोप लगाया कि टिकट वितरण प्रक्रिया में प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और विधानसभा दल के नेता शकील अहमद खान ने “दलाली और धांधली” की है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने राहुल गांधी को गुमराह कर पार्टी की साख को नुकसान पहुंचाया है।
आनंद माधव ने कहा कि टिकट वितरण में मेहनती और जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर उन लोगों को तरजीह दी गई जो पैसे और सिफारिश के बल पर टिकट पाने में सफल हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी के स्पष्ट निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए निजी स्वार्थ में निर्णय लिए।
उन्होंने मांग की कि टिकट बंटवारे में हुई अनियमितताओं की जांच कराई जाए और कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही दिल्ली जाकर राहुल गांधी और कांग्रेस हाईकमान को सभी सबूत सौंपेगा। यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे संगठनात्मक आंदोलन शुरू करेंगे।
बेटिकट हुए विधायक छत्रपति यादव ने कहा कि प्रभारी अल्लावारू और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने “सिंडिकेट” बनाकर टिकटों की बिक्री की। उन्होंने कहा कि वे पार्टी में एकमात्र यादव उम्मीदवार थे, फिर भी उनके साथ धोखा किया गया।
पूर्व विधायक गजानंद शाही ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का प्रदेश कार्यालय अब “दलालों का अड्डा” बन गया है, जहां निष्ठा और संगठन की भावना के बजाय नोटों का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सूची बनाते समय न तो संगठन से राय ली गई और न ही क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखा गया।
इस बगावत के बीच कांग्रेस प्रवक्ता और रिसर्च विभाग के अध्यक्ष आनंद माधव ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे पत्र में लिखा कि वे 2015 से लगातार पार्टी के लिए संघर्षरत हैं और मीडिया की नौकरी छोड़कर कांग्रेस में पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे थे। लेकिन कुछ नेताओं के अहंकार और गुटबाजी के कारण समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस में सिद्धांत नहीं, सिफारिश चल रही है और जब तक यह प्रवृत्ति नहीं रुकेगी, तब तक राहुल गांधी का हाथ मजबूत नहीं होगा।