Bihar Politics: इस बार बिहार विधानसभा में आधे से अधिक विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले, 90% करोड़पति पहुंचे
बिहार की नई विधानसभा (Bihar election 2025) एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक विमर्श के केंद्र में है। एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) और बिहार इलेक्शन वॉच का जारी ताजा विश्लेषण यह बताता है कि नई विधानसभा में जीतकर आए आधे से अधिक विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं।
Publish Date: Sun, 16 Nov 2025 10:56:12 AM (IST)
Updated Date: Sun, 16 Nov 2025 12:30:01 PM (IST)
चुनाव जीतकर इस बार बिहार विधानसभा में आधे से अधिक विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले पहुंचे हैं।HighLights
- आधे से अधिक विधायक दागी छवि के
- करोड़पति विधायकों की बड़ी भी संख्या
- ग्रेजुएट विधायकों का अच्छा प्रतिनिधित्व
डिजिटल डेस्कः बिहार की नई विधानसभा (Bihar election 2025) एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक विमर्श के केंद्र में है। एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) और बिहार इलेक्शन वॉच का जारी ताजा विश्लेषण यह बताता है कि नई विधानसभा में जीतकर आए आधे से अधिक विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं। वहीं मऔर उच्च शिक्षित विधायकों की संख्या भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
243 निर्वाचित विधायकों में 130 पर आपराधिक मामले
2025 के विधानसभा चुनाव में चुने गए 243 विधायकों में से 130 (53%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह संख्या 2020 की तुलना में 15 प्रतिशत कम है। पिछले चुनाव में 68 प्रतिशत (163 विधायक) के खिलाफ आपराधिक मुकदमे थे।
इस बार 102 (42%) विधायक गंभीर धाराओं में आरोपी हैं, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 51 प्रतिशत था। छह विजेताओं पर हत्या और 19 पर हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। नौ विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों का उल्लेख अपने हलफनामे में किया है।
किन दलों के कितने विधायक गंभीर मामलों में आरोपी?
- भाजपा: 89 में 43 विधायक (48%)
- जदयू: 85 में 23 (27%)
- राजद: 25 में 14 (56%)
- लोजपा (रामविलास): 19 में 10 (53%)
- कांग्रेस: 6 में 3 (50%)
- एआईएमआईएम: 5 में 4 (80%)
- राष्ट्रीय लोक मोर्चा: 4 में 1 (25%)
- भाकपा माले: 2 में 1 (50%)
- माकपा, आइआइपी, बसपा: सभी के एक-एक विधायक गंभीर मामलों में आरोपी
विधानसभा में 15 साल में 4 गुना बढ़ी करोड़पतियों की संख्या
विधानसभा की आर्थिक तस्वीर भी चौंकाने वाली है। 243 में से 218 विधायक (90%) करोड़पति हैं। यह आंकड़ा पिछले विधानसभा (2020) के 81 प्रतिशत से काफी अधिक है। इस बार विजेता विधायकों की औसत घोषित संपत्ति 9.02 करोड़ तक पहुंच गई है, जो 2020 में मात्र 4.32 करोड़ थी। 2010 में सिर्फ 45 करोड़पति विधायक थे। अर्थात 15 साल में यह संख्या चार गुना से अधिक हो गई है।
कौन-से दल में सबसे अधिक अमीर विधायक?
- राजद: 25 में 24 विधायक (96%)
- जदयू: 85 में 78 (92%)
- भाजपा: 89 में 77 (87%)
- लोजपा-आर: 19 में 16 (84%)
- हम: 5 में 4 (80%)
- कांग्रेस, रालोमो, माकपा, आइआइपी, बसपा: सभी के सभी विधायक करोड़पति
- भाकपा माले: 2 में 1 करोड़पति
धनबल और आपराधिक छवि अब भी प्रमुख कारक बने हुए हैं
2010 में विधायकों की औसत संपत्ति 82 लाख थी, जो 2015 में बढ़कर 3.02 करोड़ और अब 2025 में 9 करोड़ से भी ऊपर पहुंच गई है। नए विधायकों की प्रोफाइल स्पष्ट करती है कि बिहार की राजनीति में धनबल और आपराधिक छवि अब भी प्रमुख कारक बने हुए हैं।
हालांकि आपराधिक मामलों में मामूली कमी दिखती है, लेकिन करोड़पतियों की बढ़ती संख्या चुनावी राजनीति की बदलती दिशा की ओर संकेत करती है। चुनावी सुधारों और पारदर्शिता पर बहस इस रिपोर्ट के बाद एक बार फिर तेज़ होना तय है।