MP Election 2023 राजेश शर्मा, राजगढ़। राजगढ़ ऐसा जिला है जहां पर आजादी के बाद से अब तक कोई भी महिला सदन तक नहीं पहुंच सकी। अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस ने दो बार महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन इस मामले में भाजपा अब तक फिसड्डी साबित हुई है। भाजपा ने किसी भी महिला को अब तक चुनाव मैदान में नहीं उतारा। अब देखना यह है कि 2023 के चुनाव के लिए दोनों दल किसी महिला को मैदान में उतरती है या नहीं।
राजगढ़ जिले की कुल पांच विधानसभा सीटों के लिए मतदाताओं की संख्या 11 लाख 52 हजार 47 है। जिसमें से महिला मतदाताओं की तादात भी 5 लाख 63 हजार 340 है। जबकि पुरुषों की तादात 5 लाख 88 हजार 696 है। पुरुषों के समकक्ष महिला मतदाता होने के बावजूद राजगढ़ जिले से अब तक एक भी महिला सदन तक नहीं पहुंच सकी। इसके पीछे मुख्य कारण यह भी है कि कांग्रेस ने सिर्फ दो ही बार महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा ने अब तक किसी भी महिला को मौका नहीं दिया।
महिलाओं को टिकट देने के मामले में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस एक कदम आगे है। कांग्रेस द्वारा पहला प्रयोग 20 वर्ष पहले 2003 के चुनाव में किया था। उस समय सारंगपुर से तत्कालीन विधायक कृष्ण मोहन मालवीय का टिकट काटकर पार्टी ने मीना मालवीय को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन वह चुनाव जतीने में सफल नहीं रही।
इसके बाद कांग्रेसने ही उसी सारंगपुर विधानसभा सीट से दूसरी बार 2018 में प्रयोग करते हुए जिला पंचायत सदस्य कला मालवीय को मैदान में उतारा था, लेकिन वह भी चुनाव जीतने में सफल नहीं रही और करीब 4 हजार 381 वोटों से हार गई। इस बार दोनों राजनैतिक दलों द्वारा महिलाओं को तवज्जो दी जाती है या नहीं यह पांचों सीटों के टिकट वितरण के बाद ही स्प्ष्ट हो सकेगा।
महिलाओं को टिकट देने के मामले में कांग्रेस ने ही नया प्रयोग किया था। पहली बार 2003 और दूसरी बार 2018 में। एक ही विधानसभा सीट से अलग-अलग महिलाओं को टिकट दिए, लेकिन दोनों महिला नेता भाजपा के पिता पुत्र अमर सिंह कोठार और कुंवर कोठार के सामने जीत नहीं सकी।
2003 में मीना मालवीय का मुकाबला भाजपा के पुराने नेता अमर सिंह कोठार से हुआ था और वह जीतने में सफल रहे, जबकि 15 साल कांग्रेस ने फिर इसी सीट से कला मालवीय को टिकट दिया और भाजपा ने अमर सिंह कोठार के पुत्र कुंवर कोठार को दूसरी बार मैदान में उतारा। इस चुनाव में भी कांग्रेस की कला मालवीय जीतने में सफल नहीं हो सकी।