एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Rajinikanth Success Story: साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत की बेहतरीन एक्टिंग से हर कोई वाकिफ है। पिछले पांच दशकों से वे दर्शकों का मनोरंजन करते आ रहे हैं। अब वे जल्द ही अपनी 171वीं फिल्म बनाने जा रहे हैं। रजनीकांत अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने से पहले काफी सामान्य जीवन जी रहे थे। उन्होंने कैसे अपने करियर की शुरुआत की और कैसे वे सुपरस्टार बन गए, आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं।
रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को हुआ था। उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। वे एक मराठी परिवार में जन्मे थे। उनके पिता पुलिस हेड कांस्टेबल थे। उन्होंने साल 1975 में फिल्म 'अपूर्वा रागंगल' से अपना डेब्यू किया था। फिल्मी दुनिया में आने से पहले रजनीकांत बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्विस में एक बस कंडक्टर थे।
एक्टिंग में दिलचस्पी होने के कारण वे मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में शामिल हो गए। वे चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे, जब उनके पिता रिटायर हुए, तो वे बैंगलोर शिफ्ट हुए। वे कई तरह के ड्रामा में हिस्सा लिया करते थे।
अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए रजनीकांत कई तरह के काम करते थे। कभी कुली, कभी कंडक्टर, तो कभी कारपेंटर का काम किया करते थे। जब वे कंडक्टर का काम किया करते थे, तो अपने अंदाज से लोगों का काफी मनोरंजन करते थे। इंस्टीट्यूट जॉइन करने के बाद उन्होंने तमिल भाषा सीखी।
इसके बाद इन्हें फिल्म अपूर्वा रागंगल में दिखे। यहीं से उन्होंने फिल्मी दुनिया में अपना डेब्यू किया। वे कई तरह की फिल्में कर रहे थे, लेकिन सुपरस्टार नहीं बन पाए। वे सुपरस्टार तब बने, जब उन्हें अमिताभ बच्चन की फिल्मों में काम करने का मौका मिला।
रजनीकांत, अमिताभ बच्चन की हिंदी फिल्मों के रिमेक में काम करते थे। फिल्म डॉन और बिल्ला, लावारिस, अमर अकबर एंथनी, दीवार का रीमेक किया। एक के बाद एक ये फिल्में हिट होती गईं और वे सुपरस्टार बन गए। 1983 में रिलीज हुई फिल्म अंधा कानून से रजनीकांत ने हिंदी सिनेमा में एंट्री की।
इस फिल्म को टी रामा राव ने निर्देशित किया था। फिल्म में हेमा मालिनी और रजनीकांत लीड रोल में थे। दोनों ने भाई-बहन का किरदार निभाया था। इसके बाद से ही रजनीकांत को कई हिंदी फिल्मों का ऑफर मिला।