
एंटरटेनमेंट डेस्क: “एक एक को चुन चुन के मारूंगा” और “बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना” ये डायलॉग्स आज भी लोगों की जुबान पर हैं। धर्मेंद्र के एक्शन, उनकी आवाज़ और डायलॉग डिलीवरी का जलवा आज भी बरकरार है। चाहे रोमांस हो या एक्शन, धर्मेंद्र ने हर किरदार को अपने अंदाज़ में यादगार बनाया है।
छह दशक से भी ज्यादा वक्त से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय धर्मेंद्र का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। एक आम परिवार से आने वाला यह नौजवान कैसे बना बॉलीवुड का “ही-मैन”, आइए जानते हैं उनकी जिंदगी के इस सफर के बारे में।
धर्मेंद्र का जन्म पंजाब के लुधियाना जिले के पास एक छोटे से गांव में हुआ था। वह जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका परिवार फिल्मों से बिल्कुल अलग था, लेकिन बचपन से ही उन्हें सिनेमा देखने का शौक था। एक दिन उन्होंने सुरैया की फिल्म ‘दिल्लगी’ देखी, और तभी उनके मन में अभिनेता बनने का सपना जागा।
धर्मेंद्र ने एक न्यू टैलेंट कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और उसे जीत लिया। यही उनके लिए बॉलीवुड में एंट्री का दरवाजा साबित हुआ। साल 1960 में उन्हें अपनी पहली फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ मिली। भले ही यह फिल्म बहुत बड़ी हिट नहीं रही, लेकिन इससे उन्हें इंडस्ट्री में पहचान मिली। इसके बाद ‘शोला और शबनम’ जैसी फिल्मों ने उनके करियर को मजबूती दी।
धर्मेंद्र ने ‘बंदिनी’ और ‘अनपढ़’ जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय किया, लेकिन असली स्टारडम उन्हें फिल्म ‘फूल और पत्थर’ से मिला। यह फिल्म सुपरहिट रही और 50 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली। इसी फिल्म से धर्मेंद्र को “ही-मैन ऑफ बॉलीवुड” कहा जाने लगा। उनकी पर्सनैलिटी, एक्शन स्टाइल और स्क्रीन प्रेजेंस ने दर्शकों को दीवाना बना दिया। इसके बाद वह एक्शन हीरो के रूप में पहचान बनाने लगे।
फिल्मी करियर जितना दिलचस्प रहा, धर्मेंद्र की निजी जिंदगी भी उतनी ही सुर्खियों में रही। उन्होंने दो शादियां कीं और छह बच्चों के पिता बने। उनकी पहली शादी फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले प्रकाश कौर से हुई थी, जिनसे
बाद में धर्मेंद्र ने अभिनेत्री हेमा मालिनी से शादी की, जिनसे उन्हें दो बेटियां एशा और अहाना देओल हुईं। बताया जाता है कि हेमा मालिनी से शादी करने के लिए धर्मेंद्र ने अपना धर्म बदल लिया था।
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