एंटरटेनमेंट डेस्क। 60 और 70 के दशक में बड़े पर्दे पर अपनी मासूमियत और वफादारी भरे किरदारों से दर्शक का दिल जीतने वालीं बॉलीवुड एक्ट्रेस नाजिमा अब हमारे बीच नहीं रहीं।
‘देवदास’ से लेकर ‘आरजू’ तक उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में बहन और सहायक किरदार निभाकर इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई थी। 77 साल की उम्र में उनका निधन मुंबई के दादर स्थित घर पर हुआ, जहां वे अपने दो बेटों के साथ रह रही थीं।
25 मार्च 1948 को महाराष्ट्र के नासिक में जन्मीं नाजिमा का असली नाम मेहरुनिसा था। फिल्मी माहौल में पली-बढ़ीं नाजिमा की बहनें हुस्न बानो और शरीफा बाई भी मशहूर अदाकाराएं थीं। स्कूलिंग पूरी करने के बाद उन्हें जल्दी ही फिल्मों में अवसर मिला। बचपन में वे ‘बेबी चांद’ के नाम से पहचानी जाती थीं और लगातार चार फिल्मों में इस नाम से नज़र आईं।
नाजिमा ने साल 1953 में फिल्म पतिता से डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने 1954 में बिमल रॉय की बिराज बहू और 1955 में देवदास में अभिनय किया। धीरे-धीरे उन्होंने गरम कोट, अब दिल्ली दूर नहीं, हम पंछी एक डाल के जैसी फिल्मों में अपनी जगह बनाई।
नाजिमा ने अपने करियर में ज्यादातर फिल्मों में बहन या सहायक नायिका की भूमिका निभाई। उनकी सहज अदाकारी और भावनात्मक अभिव्यक्ति के कारण उन्हें दर्शकों ने ‘रेजिडेंट सिस्टर’ का नाम दिया। 1972 में मनोज कुमार की फिल्म बेईमान में उनकी बहन की भूमिका के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड के लिए नामांकन मिला।
मेनस्ट्रीम हीरोइन न बनने के बावजूद नाजिमा ने सपोर्टिव रोल्स में गहरी छाप छोड़ी। करियर के बाद के सालों में उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और निजी जीवन में बिजी हो गईं। सोमवार, 11 अगस्त 2025 को, उन्होंने मुंबई के दादर में अंतिम सांस ली। उनकी कजिन सिस्टर जरीन बाबू ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की पुष्टि की।
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