
एंटरटेनमेंट डेस्क। कश्मीर की वादियों से निकलकर हिंदी सिनेमा को नया तेवर देने वाले फिल्ममेकर Aditya Dhar आज इंडस्ट्री के चर्चित नामों में शामिल हैं। एक्शन और स्पाई थ्रिलर को अलग अंदाज में पेश करने वाले आदित्य धर ने कहानी कहने की भाषा बदली और दर्शकों को ऐसा सिनेमा दिया, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई। हम बात कर रहे हैं धुरंधर के निर्देशक की, जिनका सफर आसान नहीं रहा।
बॉलीवुड में आउटसाइडर के लिए जगह बनाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन आदित्य धर ने धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए अपनी अलग पहचान बनाई। उन्हें पहली ही फिल्म से सफलता नहीं मिली, बल्कि कई उतार-चढ़ाव के बाद उन्होंने अपने लिए रास्ता तैयार किया। आइए जानते हैं कि आदित्य धर कैसे सिनेमा के ‘धुरंधर’ बने।
निर्देशन से पहले क्या करते थे आदित्य धर
12 मार्च 1983 को कश्मीरी पंडित परिवार में जन्मे आदित्य धर करियर बनाने के इरादे से मुंबई पहुंचे। निर्देशक बनने से पहले उन्होंने आरजे के तौर पर काम किया। इसके बाद उन्होंने गीत लेखन और स्क्रीनराइटिंग में हाथ आजमाया। कबीर खान की फिल्म काबुल एक्सप्रेस समेत डैडी कूल और हाल-ए-दिल जैसी फिल्मों के लिए गीत लिखे। वहीं, प्रियदर्शन की तेज और आक्रोश जैसी फिल्मों में बतौर स्क्रीनराइटर भी काम किया।
आदित्य धर की पहली रिलीज फिल्म
कई सालों तक बैकग्राउंड में काम करने के बाद आदित्य धर ने निर्देशन की ओर कदम बढ़ाया। आम तौर पर लोग मानते हैं कि उन्होंने 2019 में आई Uri: The Surgical Strike से निर्देशन में डेब्यू किया, लेकिन हकीकत यह है कि वह इससे पहले भी एक फिल्म लेकर आ रहे थे, जो दर्शकों तक पहुंच ही नहीं पाई।
कौन-सी फिल्म हो गई थी डिब्बाबंद
साल 2016 में आदित्य धर ‘रात बाकी’ नाम की फिल्म से निर्देशन में कदम रखने वाले थे। इस फिल्म में Fawad Khan और Katrina Kaif मुख्य भूमिकाओं में थे। हालांकि, उसी साल उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर रोक लगा दी गई, जिसके चलते ‘रात बाकी’ को रिलीज से पहले ही डिब्बाबंद करना पड़ा। यही वह मोड़ था, जब पाकिस्तान से जुड़ा एक सपना टूटा, लेकिन उसी पृष्ठभूमि पर बनी ‘उरी’ ने आदित्य धर की किस्मत बदल दी और उन्हें इंडस्ट्री का बड़ा नाम बना दिया।