'कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे तुम...', रक्षाबंधन पर Sushant Singh Rajput की बहन ने एक्टर की याद में की इमोशनल पोस्ट
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का 14 जून, 2020 को निधन हो गया। वह 34 वर्ष के थे। उन्हें उनके मुंबई स्थित अपार्टमेंट में मृत पाया गया। आधिकारिक तौर पर उनकी मृत्यु का कारण आत्महत्या बताया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण फांसी के कारण दम घुटना बताया गया।
Publish Date: Sat, 09 Aug 2025 12:34:35 PM (IST)
Updated Date: Sat, 09 Aug 2025 12:39:56 PM (IST)
Sushant Singh Rajput: सुशांत सिंह राजपूत की बहन ने रक्षाबंधन पर दिवंगत अभिनेता को याद किया।HighLights
- सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता ने शेयर किया एक्टर का वीडियो।
- उन्होंने लिखा, 'कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे तुम कभी गए ही नहीं'।
- रक्षाबंधन पर लिखा- दिल ही दिल में आपकी कलाई पर राखी बांधूंगी।
इंटरटेनमेंट, डिजिटल डेस्क। रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के अवसर पर दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने एक भावुक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया है। वीडियो में सुशांत सिंह अपने परिवार के साथ खुशी के पल बिताते दिख रहे हैं।
- श्वेता ने इंस्टाग्राम पर दिवंगत अभिनेता के परिवार के साथ बिताए पलों का एक वीडियो साझा किया है।
- वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, "कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे तुम कभी गए ही नहीं। कि तुम अब भी यहीं हो, बस पर्दे के पीछे, चुपचाप देख रहे हो। और फिर, अगले ही पल, दर्द का एहसास होता है। क्या मैं तुम्हें सचमुच फिर कभी नहीं देख पाऊंगी? क्या तुम्हारी हंसी सिर्फ़ एक प्रतिध्वनि बनकर रह जाएगी? तुम्हारी आवाज़, एक धुंधली याद जिसे मैं समझ नहीं पा रही हूं।
- उन्होंने अपने छोटे भाई को खोने के दर्द के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने लिखा, 'तुम्हें खोने का दर्द इतना गहरा, इतना कच्चा है कि उसके आगे शब्द सिकुड़ जाते हैं। यह मेरे अंदर चुपचाप रहता है, इतना पवित्र कि उसे ज़ोर से बयां नहीं किया जा सकता, इतना विशाल कि उसे समेटा नहीं जा सकता। और हर गुजरते दिन के साथ, यह गहरा होता जाता है, कड़वाहट से नहीं, बल्कि स्पष्टता से, यह दर्शाता है कि यह भौतिक संसार कितना क्षणभंगुर है, हमारी आसक्ति कितनी नाज़ुक है, और कैसे केवल ईश्वर ही हमें शरण देता है।'
- अपने विश्वास को मज़बूत करते हुए श्वेता ने किसी दिन सुशांत से फिर मिलने की उम्मीद जताई। उन्होंने आगे कहा, 'दूसरी तरफ, कहानियों से परे, समय से परे, जहां आत्माएं एक-दूसरे को नामों से नहीं, बल्कि प्रेम की मौन भाषा से पहचानती हैं।'