ये बीमारी बनी थी उपराष्ट्रपति धनखड़ के बेटे की मौत का कारण, जानिए आज भी क्यों मुश्किल है इसका इलाज
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़( Jagdeep Dhankhar resignation) ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। चलिए, आपको बताते हैं कि उनके बेटे की मौत किस कारण से हुई थी।
Publish Date: Tue, 22 Jul 2025 04:04:33 PM (IST)
Updated Date: Tue, 22 Jul 2025 04:23:22 PM (IST)
Jagdeep Dhankhar ने दिया उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफाHighLights
- स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया।
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं।
- महज 14 साल की उम्र में ही जगदीप धनखड़ के बेटे की गंभीर बीमारी से मौत हो गई थी।
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़( Jagdeep Dhankhar resignation) ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू को दिए अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि अब वे अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने चाहते हैं।
जगदीप धनखड़( Jagdeep Dhankhar) ने अपनी जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं, जिनमें से एक है उनके बेटे की मौत भी है। महज 14 साल की उम्र में उनके बेटे की मौत हो गई थी। मौत की वजह गंभीर और क्रिटिकल बीमारी, ब्रेन हेमरेज थी। ब्रेन हेमरेज आज भी इंसानों के लिए एक चुनौती बनी हुई है। मेडिकल ने जहां तमाम बीमारियों का इलाज खोज निकाला है तो वहीं आज भी ब्रेन हेमरेज इंसानों के लिए एक सिरदर्द है। चलिए, आपको बताते हैं कि आखिर क्यों यह बीमारी इतनी खतरनाक है।
क्यों है खतरनाक
ब्रेन हेमरेज के खतरनाक होने के पीछे सबसे बड़ा जो कारण है वह है इसका अचानक होना। अचानक होने के चलते लोग जल्दी इसके लक्षण को समझ नहीं पाते और जब तक समझ पाते हैं तब तक स्थिति गंभीर हो जाती है। कई मामलों में मरीज के इलाज के पहले ही उसकी स्थिति काफी गंभीर होती है। इसके अलावा इसके इलाज के लिए काफी समय देना होता है, इलाज की प्रक्रिया काफी लंबी चलती है। ऑपरेशन, दवाइयों के साथ-साथ मेडिकल मॉनिटरिंग भी जरूरत होती है।
आज भी क्यों मुश्किल है इलाज
ब्रेन हेमरेज का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि रक्तस्राव की गंभीरता, कारण, और मरीज का स्वास्थ्य कैसे है। अगर मरीज को समय पर उपचार मिल जाता है तो उसके बचने के चांस काफी ज्यादा हो जाते हैं। हालांकि, जोखिम की स्थिति तब भी बनी रहती है।