Chanakya Niti: इन चीजों का अगर नहीं रखा ध्यान तो तबाह हो जाएंगे, लोगों की बीच बन जाएगा इज्जत का फालूदा
Chanakya Niti: चाणक्य की नीतियों का आज बड़े पैमाने पर लोग फॉलो करते हैं। चाणक्य ने जीवन जीने के लिए तमाम नियमों को बताया है, चलिए, आपको उन्हीं नियमों के बारे में बताते हैं।
Publish Date: Sat, 12 Jul 2025 03:15:38 PM (IST)
Updated Date: Sat, 12 Jul 2025 06:10:40 PM (IST)
चाणक्य नीतिHighLights
- आचार्य चाणक्य ने जीवन जीने के लिए तमाम नियम बताए हैं।
- चाणक्य के इन्हीं नियमों को चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है।
- सफल जिंदगी जाने के लिए लोगों से चाणक्य की नीति मानने के लिए कहा जाता है।
बड़ों का हमेशा मानना रहा है कि जीवन में संयम बेहद जरूरी होता है, चाहे वह किसी रिश्ते की बात हो या फिर करियर की दिशा में लिया गया कोई फैसला। लेकिन कई लोग इस सीख को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसका परिणाम उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है। चाणक्य ने भी संयम को लेकर कुछ अहम बातें बताई हैं।
उन्होंने कहा है कि जीवन की कुछ खास परिस्थितियों में अगर इंसान संयम नहीं रखता, तो उसे इसका बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। आइए जानते हैं चाणक्य नीति के अनुसार वे 5 स्थान या हालात जहां संयम न रखने से व्यक्ति को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
गुस्से में बोले गए शब्दों से रिश्ते टूट सकते हैं
चाणक्य कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति क्रोध में आकर कुछ भी बोल देता है, तो वह अपने ही लोगों का भरोसा खो सकता है। खासकर पारिवारिक माहौल में अगर गुस्से में संयम नहीं रखा गया, तो रिश्ते बिगड़ सकते हैं। इसलिए चाणक्य का मानना है कि गुस्से की स्थिति में सबसे पहले धैर्य बनाए रखना चाहिए।
पैसे से जुड़ी बातों में सावधानी जरूरी
चाणक्य मानते थे कि अगर धन का प्रयोग बुद्धिमानी से नहीं किया गया, तो वह जल्दी नष्ट हो सकता है। बाजार में खरीदारी करते समय या किसी से लेन-देन करते वक्त अगर संयम नहीं बरता गया, तो धोखा, नुकसान या चोरी हो सकती है। फिजूलखर्ची, दिखावे की आदत या बिना सोचे-समझे निवेश करना जीवन में संकट ला सकता है।
सार्वजनिक स्थानों पर भाषा पर नियंत्रण जरूरी
चाणक्य नीति के अनुसार इंसान की जुबान उसका भाग्य बना भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है। इसीलिए ऑफिस, सोशल मीडिया या सार्वजनिक स्थानों पर बोलते समय बहुत सोच-समझकर शब्दों का चयन करना चाहिए। अगर इन जगहों पर जुबान पर काबू नहीं रहा, तो बदनामी, अपमान और कानूनी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कामवासना पर नियंत्रण न रखना खतरनाक
चाणक्य का मानना था कि यदि कोई व्यक्ति स्त्री या पुरुष के प्रति गलत भावना रखता है या आकर्षण के चलते अपनी मर्यादा भूल जाता है, तो वह अपना सम्मान और प्रतिष्ठा दोनों खो सकता है। ऐसी इच्छाओं पर नियंत्रण न होने से न केवल वैवाहिक जीवन बल्कि पूरा सामाजिक जीवन भी बर्बाद हो सकता है।
इस प्रकार, चाणक्य नीति हमें यह सिखाती है कि जीवन के कुछ खास पहलुओं में संयम रखना ही बुद्धिमानी है, क्योंकि इन जगहों पर की गई छोटी सी गलती भी बड़े संकट का कारण बन सकती है।