डिजिटल डेस्क। पुरुषों में तेजी से बढ़ते कैंसर में प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) भी शामिल है। अच्छी बात यह है कि अगर इसका समय पर पता चल जाए, तो इलाज की सफलता की संभावना काफी ज्यादा होती है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी चुनौती यही है कि शुरुआती स्टेज में इसका पता लगाना बेहद कठिन होता है।
लक्षण न दिखना - शुरुआती स्टेज में अक्सर कोई खास संकेत नजर नहीं आते। जब तक कैंसर केवल प्रोस्टेट ग्लैंड तक सीमित रहता है, तब तक यह शरीर को गंभीर परेशानी नहीं देता। ऐसे में इसका पता केवल मेडिकल टेस्ट से ही लगाया जा सकता है।
धीरे-धीरे बढ़ना - यह कैंसर सामान्यत: बहुत धीमी गति से विकसित होता है। कई बार सालों तक शरीर में रहते हुए भी यह कोई बड़े लक्षण नहीं दिखाता, जिससे मरीज को समय रहते जानकारी नहीं मिल पाती।
झिझक - कई पुरुष यूरिन या प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं के बारे में बात करने में संकोच करते हैं। वे इसे उम्र बढ़ने का सामान्य लक्षण मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। यही झिझक जांच और इलाज में देरी का कारण बनती है।
जब कैंसर फैलने लगता है, तब शरीर में कुछ बदलाव दिखाई देते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है-
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विशेषज्ञों के अनुसार, 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को नियमित रूप से प्रोस्टेट की जांच करानी चाहिए। वहीं जिनके परिवार में पहले से इसका इतिहास रहा है, उन्हें और भी सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी तरह की यूरिन या यौन संबंधी समस्या दिखने पर तुरंत यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
समय रहते इसका पता चलने पर न केवल इलाज आसान होता है, बल्कि मरीज के पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।