डिजिटल डेस्क: फैटी लिवर आज के समय की सबसे आम और खतरनाक बीमारियों में से एक बन गया है। यह तब होता है जब लिवर की कोशिकाओं में अतिरिक्त फैट जमा हो जाता है। यह स्थिति अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआत में इसके स्पष्ट लक्षण (Fatty Liver Early Symptoms) दिखाई नहीं देते। हालांकि, शरीर कुछ संकेतों के माध्यम से हमें चेतावनी देता है, जिन्हें समय रहते पहचान लेना बेहद जरूरी है।
अगर अक्सर पेट भारी लगना, गैस या अपच की शिकायत रहती है, तो यह भी फैटी लिवर का संकेत हो सकता है। लिवर का मुख्य काम बाइल जूस का निर्माण करना है, जो भोजन पचाने में मदद करता है। फैटी लिवर की स्थिति में बाइल जूस का सीक्रेशन कम हो जाता है, जिससे खाना पचने में दिक्कत आती है और पेट फूलना, भारीपन और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
अगर अचानक से आपको बार-बार मीठा खाने की तीव्र इच्छा होती है, तो इसे सिर्फ स्वाद का मामला न समझें। फैटी लिवर की स्थिति में लिवर शुगर को सही तरीके से प्रोसेस नहीं कर पाता। इससे ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है और शरीर तुरंत एनर्जी के लिए मीठे की ओर आकर्षित होता है। लगातार मीठा खाने की craving फैटी लिवर का संकेत हो सकती है।
यदि बिना किसी मेहनत के आप पूरे दिन थके और कमजोर महसूस करते हैं, तो यह भी फैटी लिवर का लक्षण हो सकता है। लिवर का काम शरीर में एनर्जी स्टोर और मैनेज करना होता है। लेकिन जब इसमें फैट जमा हो जाता है, तो यह ठीक से काम नहीं कर पाता। नतीजतन शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती और व्यक्ति हमेशा सुस्त और थका हुआ महसूस करता है।
ब्रेन फॉग या फोकस की कमी
फैटी लिवर होने पर लिवर खून से टॉक्सिन्स को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाता। ये टॉक्सिन्स खून के जरिए दिमाग तक पहुंच सकते हैं और सोचने-समझने की शक्ति को प्रभावित करते हैं। इसके कारण कन्फ्यूजन, याददाश्त कमजोर होना और फोकस करने में दिक्कत जैसे लक्षण सामने आते हैं। इस स्थिति को ब्रेन फॉग कहा जाता है।
त्वचा पर रैशेज और खुजली