डिजिटल डेस्क: बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों ने सेहत पर गहरा असर डाला है। कई लोग फैटी लीवर की समस्या की परेशान हैं। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और खानपान में सोडा कई लोगों की रोजमर्रा की डाइट का हिस्सा बन गया है। ऑफिस लंच से लेकर शाम के स्नैक्स तक, लोग इसे आदत या लत की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. विवियन असामोआ ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि दिन में सिर्फ एक सोडा भी फैटी लिवर (Fatty Liver Symptoms) के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
डॉ. विवियन कहती हैं कि मीठे सोडा का नियमित सेवन धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता है। दिक्कत यह है कि लिवर की बीमारी शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं देती। जब तक लक्षण दिखते हैं, तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है।
वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 5-7 साल तक रोजाना सोडा पीने से निम्न समस्याएं हो सकती हैं:
डॉक्टर ने बताया कि फैटी लिवर केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं, बल्कि युवाओं में भी तेजी से फैल रही है। इसलिए जरूरी है कि छोटे-छोटे बदलाव अपनाए जाएं।
इन छोटे बदलावों से लिवर ही नहीं, संपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है और फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
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