डिजिटल डेस्क। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) का पावन पर्व इस साल 27 अगस्त से शुरू हो रहा है। बप्पा के स्वागत के लिए घरों और पंडालों में तैयारियां जोरों पर हैं। इस मौके पर सबसे महत्वपूर्ण होता है, गणपति बप्पा की मूर्ति (Ganesh Idol) की स्थापना।
मान्यता है कि मूर्ति चुनते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, वरना पूजा का फल अधूरा रह सकता है। आइए जानते हैं कि गणेश मूर्ति खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
1. मूर्ति का आकार और दिशा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणपति की सूंड दाईं ओर हो तो पूजा नियमों के साथ करनी पड़ती है, जबकि बाईं ओर वाली सूंड वाली मूर्ति घर और परिवार के लिए शुभ मानी जाती है। वहीं, मूर्ति का आकार बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। घर पर स्थापना के लिए 9 से 12 इंच की मूर्ति उत्तम मानी गई है।
2. मूर्ति का स्वरूप
गणपति मूर्ति का चेहरा प्रसन्नचित्त होना चाहिए। शांत और मुस्कुराता हुआ चेहरा घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। मूर्ति की आंखें साफ और आकर्षक हों, क्योंकि इन्हें 'जीवन का प्रतीक' माना जाता है।
3. इको-फ्रेंडली मूर्ति का महत्व
आजकल लोग इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति (Eco-friendly Ganesh Idol) को प्राथमिकता दे रहे हैं। मिट्टी या शाडू की बनी मूर्तियां विसर्जन के बाद पानी में आसानी से घुल जाती हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं। प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) की मूर्तियों से बचना चाहिए, क्योंकि यह नदियों-तालाबों को प्रदूषित करती हैं।
4. रंग और सजावट
मूर्ति पर इस्तेमाल होने वाले रंग प्राकृतिक और हानिकारक केमिकल से मुक्त होने चाहिए। पूजा के बाद विसर्जन के समय ये रंग पानी में मिलकर नुकसान न पहुँचाएँ, इस बात का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है।
5. कहां से खरीदें मूर्ति?
हमेशा अधिकृत दुकानों या विश्वसनीय कलाकारों से मूर्ति खरीदें। स्थानीय कारीगरों से खरीदी गई मूर्तियां न केवल परंपरा को आगे बढ़ाती हैं बल्कि उनकी मेहनत का सम्मान भी होता है।
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6. खरीदारी का शुभ समय
गणेश चतुर्थी से पहले शुभ मुहूर्त देखकर ही गणपति बप्पा को घर लाना चाहिए। आमतौर पर गणेश स्थापना चतुर्थी तिथि के दिन प्रातःकाल से मध्याह्न तक करना उत्तम होता है।