नईदुनिया, बिलासपुर Indian Railway News। ट्रेन में घटना-दुर्घटना या वारदात होने पर ट्रेन छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। एक काल पर शासकीय रलवे पुलिस (जीआरपी) आपके पास पहुंचेगी। न सिर्फ रिपोर्ट लिखेगी, बल्कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) आपकी सुरक्षा भी करेगा।
आपको सिर्फ एक कॉल लगाने की आवश्यकता है। घटना कहीं भी हो एफआइआर स्वत: संबंधित आरक्षी केंद्र पर पहुंच जाएगी। ट्रेन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराने के प्रावधान तो हैं, मगर ज्यादातर लोग इससे अनभिज्ञ हैं।
घटना-दुर्घटना होने पर घबरा जाते हैं। कभी-कभी तो यात्रा बीच में छोड़कर रिपोर्ट लिखवाने के लिए ट्रेन से उतर जाते हैं। उन्हें रेलवे पुलिस की सुविधाओं और हेल्पलाइन की जानकारी नहीं है।
जीआरपी महिलाओं और बच्चों को लेकर सतर्क रहती है। रेलवे स्टेशन और ट्रेन में चलने वाले गार्ड बच्चों पर नजर रखते हैं। कई बार छोटे बच्चे अभिभावकों से नाराज होकर आ जाते हैं। महिलाएं भी घरेलू विवाद के कारण घर छोड़ देती हैं।
पुलिसकर्मी नाबालिग बच्चों और महिलाओं को अकेला देखकर उनसे जानकारी लेते हैं। जीआरपी के अनुसार हर महीने करीब 20 बच्चों को रिकवर कर उनके अभिभावकों से सुपुर्द किया जाता है। ऑपरेशन स्माइल भी चलाया जाता है।
शून्य पर दर्ज एफआईआर को संबंधित थाने में पहुंचने में समय लगता है। पुलिस उसका इंतजार नहीं करती है। ई-मेल द्वारा जानकारी मिलते ही विवेचना व छानबीन में जुट जाती है। घटना का विवरण लेकर सीसीटीवी फुटेज, पूछताछ, संदेहियों की तलाश शुरू कर देते हैं। इसके कारण जीआरपी में ट्रेसिंग और बरामदगी का प्रतिशत भी सबसे ज्यादा है। - जीआरपी टीआई रश्मि पाटीदार