डिजिटल डेस्क: किडनी हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में सबसे अहम अंगों में से एक है। यह शरीर से टॉक्सिन और वेस्ट प्रोडक्ट बाहर निकालने का काम करती है। लेकिन जब किडनी की कार्यक्षमता घटने लगती है, तो शरीर कुछ शुरुआती संकेत (Kidney Failure Symptoms) देता है जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। यही लापरवाही आगे चलकर किडनी फेलियर तक पहुंचा सकती है।
डॉ. श्री राम काबरा के अनुसार, किडनी खराब होने के शुरुआती संकेत पेशाब में दिखते हैं। अगर रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना पड़े या पेशाब की मात्रा अचानक बदल जाए तो यह चेतावनी हो सकती है।
अगर पेशाब में झाग बने या उसमें खून दिखाई दे, तो यह गंभीर संकेत है कि किडनी फिल्ट्रेशन सही ढंग से नहीं कर रही। इसका मतलब है कि प्रोटीन या ब्लड यूरिन के साथ बाहर आ रहा है।
किडनी की खराबी से एरिथ्रोपॉयटिन हार्मोन की कमी हो जाती है, जिससे रेड ब्लड सेल्स कम बनने लगते हैं। इसका नतीजा है लगातार थकान और कमजोरी।
जब किडनी सही ढंग से सोडियम और पानी बाहर नहीं निकाल पाती, तो शरीर में फ्लूइड जमा हो जाता है। इससे चेहरे, टखनों और पैरों में सूजन आने लगती है।
किडनी फेलियर के और भी संकेत हैं जैसे – भूख न लगना, उल्टी, मतली, सांस लेने में परेशानी, त्वचा पर खुजली और रूखापन। ये सभी शरीर में टॉक्सिन जमा होने का नतीजा हैं।
डॉ. काबरा सलाह देते हैं कि अगर ये लक्षण लगातार दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती जांच और इलाज से किडनी को बचाया जा सकता है। देर होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है और किडनी ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ सकती है।
यह भी पढ़ें- थकान, डिप्रेशन और हार्ट अटैक का कारण बन सकती है विटामिन-डी की कमी, समय रहते हो जाएं सावधान