
लाइफस्टाइल डेस्क। अक्सर लोग खुद को यह कहकर तसल्ली देते हैं कि दिन भर में "सिर्फ दो सिगरेट" पीने से शरीर को कोई खास नुकसान नहीं होगा। कॉरपोरेट और मीडिया जैसे क्षेत्रों में इसे "कैजुअल स्मोकिंग" का नाम दिया गया है, लेकिन चिकित्सा विज्ञान की नजर में यह एक खतरनाक भ्रम है। डॉक्टरों के अनुसार, निकोटीन की बेहद कम मात्रा भी शरीर के अंगों पर तुरंत प्रहार करना शुरू कर देती है।
आइए समझते हैं कि यदि आप 30 दिनों तक रोज सिर्फ दो सिगरेट पीते हैं, तो आपके शरीर के भीतर क्या बदलाव आते हैं:
सिगरेट का निकोटीन सीधे दिमाग के "रिवॉर्ड सिस्टम" को सक्रिय करता है। मात्र एक महीने के भीतर आपका मस्तिष्क इस सूक्ष्म मात्रा का आदी होने लगता है। जिसे आप "कंट्रोल्ड स्मोकिंग" समझ रहे हैं, वह धीरे-धीरे एक गंभीर लत में बदल जाती है और आपकी "क्रेविंग्स" (तलब) बढ़ने लगती है।
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स्मोकिंग शुरू करते ही निकोटीन हृदय की धड़कन और रक्तचाप (BP) को बढ़ा देता है। इससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और रक्त गाढ़ा व "चिपचिपा" हो जाता है। परिणामस्वरूप, दिल को शरीर में ऑक्सीजन पंप करने के लिए सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे भविष्य में 'ब्लड क्लॉट' का जोखिम बढ़ जाता है।
मात्र 30 दिनों में सिगरेट का धुआं श्वसन नलियों में सूजन पैदा करने लगता है। अधिक म्यूकस (बलगम) बनने के कारण सुबह की हल्की खांसी, गले में खराश और सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। लोग इसे सामान्य थकान समझ लेते हैं, जबकि यह फेफड़ों की कार्यक्षमता घटने का संकेत है।
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तंबाकू के जहरीले रसायन शरीर में 'ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस' पैदा करते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) कमजोर हो जाती है। रक्त संचार धीमा होने के कारण त्वचा की चमक फीकी पड़ने लगती है और मसूड़ों में सूजन या घाव भरने में देरी जैसी ओरल हेल्थ समस्याएं भी सामने आती हैं।
यह एक बड़ा मिथक है। 'लाइट' या 'लो-टार' सिगरेट में भी वही हानिकारक रसायन होते हैं। अक्सर लोग कम निकोटीन के चक्कर में धुएं को अधिक गहराई तक खींचते हैं, जिससे फेफड़ों को सामान्य सिगरेट जितना ही नुकसान पहुंचता है।
निष्कर्ष: राहत की बात यह है कि यदि इस आदत को शुरुआती महीने में ही छोड़ दिया जाए, तो शरीर खुद को काफी हद तक रिकवर कर लेता है। लेकिन "सिर्फ दो सिगरेट" को सुरक्षित मानना एक जानलेवा गलती साबित हो सकती है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।