
लाइफस्टाइल डेस्क। क्या आपको लगता है कि आपके जूतों के नीचे सिर्फ थोड़ी-सी धूल या मिट्टी लगी होती है? अगर हां, तो यह सोच गलत हो सकती है। हम अक्सर बिना ध्यान दिए जूते पहनकर घर में घूमते रहते हैं, लेकिन असल में हम अपने साथ ऐसे अदृश्य और खतरनाक तत्व घर में ले आते हैं, जिनके बारे में सोचना भी डरावना है। डॉक्टर सौरभ सेठी बताते हैं कि वह अपने घर में ‘नो शूज पॉलिसी’ का सख्ती से पालन क्यों करते हैं। कारण जानकर आप भी यह आदत छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।
जूते लाते हैं कई खतरनाक चीजें
धूल-मिट्टी के अलावा जूते कई तरह के जहरीले पदार्थों को भी अपने साथ घर में घसीट लाते हैं। बाहर चलते समय जूते कीटनाशक, केमिकल्स, बैक्टीरिया, वायरस और लेड जैसे हानिकारक तत्वों के संपर्क में आते हैं। घर में जूते पहनकर प्रवेश करने पर यही सब टॉक्सिन्स अंदर पहुंच जाते हैं।
96% जूतों में पाए जाते हैं खतरनाक बैक्टीरिया
डॉक्टर के अनुसार एक अध्ययन में यह सामने आया कि 96% जूतों के तलवों पर ‘ई. कोलाई’ बैक्टीरिया मौजूद पाया गया। यह बैक्टीरिया मल से संबंधित होता है और गंभीर पेट के संक्रमण व यूटीआई जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
बच्चों के लिए अधिक जोखिम
जहां छोटे बच्चे हों, वहां यह खतरा और बढ़ जाता है, खासकर वे बच्चे जो घुटनों के बल चलते हैं और जमीन पर पड़ी चीजें उठाकर मुंह में डाल लेते हैं। ऐसे में जूतों से घर में आए बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स उन तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
स्वस्थ रहने का आसान उपाय
घर को सुरक्षित और स्वच्छ बनाए रखने के लिए डॉक्टर की सलाह है कि हमेशा घर के बाहर ही जूते उतार दें। चाहे आप अपने घर लौट रहे हों या किसी और के घर जाएं, प्रवेश से पहले जूते बाहर ही छोड़ना सबसे बेहतर और सुरक्षित आदत है।
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