Scuba Diving: रोमांचक लेकिन जानलेवा खेल... Zubeen Garg की मौत से उठे सवाल
Singer Zubeen Garg Death: बॉलीवुड और असमी संगीत के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग का निधन सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving) के दौरान हुआ। वह नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे और एडवेंचर के लिए स्कूबा डाइविंग करने समुद्र की गहराई में उतरे। लेकिन अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई और अस्पताल पहुंचने के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
Publish Date: Sat, 20 Sep 2025 11:49:37 AM (IST)
Updated Date: Sat, 20 Sep 2025 12:08:49 PM (IST)
Scuba Diving: स्कूबा डाइविंग क्यों है खतरनाक और किन बातों का रखें ध्यानHighLights
- स्कूबा डाइविंग के खतरे और सुरक्षा
- सिंगर जुबिन गर्ग की मौत से सबक
- एडवेंचर का खेल, जानलेवा सफर
डिजिटल डेस्क: स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving) को रोमांचक और अद्वितीय अनुभव माना जाता है, लेकिन कभी-कभी यह एडवेंचर जानलेवा साबित हो जाता है। हाल ही में बॉलीवुड के मशहूर गायक और असमी संगीत के लीजेंड जुबिन गर्ग की मौत (Zubeen Garg Death) स्कूबा डाइविंग के दौरान हो गई। वह 52 वर्ष के थे और नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे। वहीं उन्होंने समुद्र की गहराइयों में डुबकी लगाई, लेकिन अचानक सांस लेने में दिक्कत हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। ICU में इलाज के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
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स्कूबा डाइविंग क्या है?
SCUBA का पूरा नाम Self Contained Underwater Breathing Apparatus है। इसमें गोताखोर विशेष उपकरणों के साथ समुद्र की गहराई में उतरते हैं और पानी के भीतर की दुनिया का अनुभव करते हैं। इसके लिए स्कूबा टैंक, रेगुलेटर, मास्क और फिन्स जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। यह अनुभव रोमांचक जरूर है, लेकिन इसमें कई खतरे शामिल हैं।
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क्यों खतरनाक है स्कूबा डाइविंग?
- जब गोताखोर गहराई से तेजी से ऊपर आता है, तो शरीर में नाइट्रोजन गैस के बुलबुले बनने लगते हैं। इसे डिकंप्रेशन सिकनेस कहते हैं। इससे जोड़ों में दर्द, सांस की समस्या, स्ट्रोक और मौत तक हो सकती है।
- अधिक गहराई में जाने पर नाइट्रोजन दिमाग पर नशे जैसा असर करता है, जिससे गलत फैसले हो सकते हैं।
- गहराई में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाने से दौरे या बेहोशी हो सकती है।
- उपकरणों की खराबी या ऑक्सीजन की कमी भी जानलेवा साबित हो सकती है।
- इसी कारण स्कूबा डाइविंग से पहले प्रशिक्षण लेना और सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद आवश्यक है।
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समुद्री जीवन का अनुभव
स्कूबा डाइविंग लोगों को समुद्री जीवन के बेहद करीब ले जाती है। समुद्र की गहराई में विभिन्न प्रजातियों की मछलियां, प्रवाल भित्तियां और अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं। कई लोग तनाव दूर करने और सुकून पाने के लिए भी यह गतिविधि करते हैं। लेकिन यदि सावधानी न बरती जाए, तो यह अनुभव अंतिम सफर साबित हो सकता है।
भारत में प्रमुख स्कूबा डाइविंग स्पॉट
भारत में स्कूबा डाइविंग के कई लोकप्रिय स्थल मौजूद हैं:
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: हैवलॉक द्वीप, अक्टूबर से अप्रैल का समय सबसे उपयुक्त।
- लक्षद्वीप: शांत समुद्र और साफ पानी, सितंबर से मई आदर्श समय।
- गोवा: ग्रैंड आइलैंड, सूज़ीज़ रेक और सेल रॉक, फरवरी से अप्रैल और सितंबर से नवंबर का समय बेहतर।
- केरल: कोवलम का लाइटहाउस बीच और हवाह बीच, सितंबर से फरवरी का समय उपयुक्त।
- कर्नाटक: नेत्रानी द्वीप, जिसे कबूतर द्वीप भी कहते हैं।
- महाराष्ट्र: तारकरली, सिंधुदुर्ग किले के पास।
- पांडिचेरी: टेम्पल रीफ और कूल शार्क रीफ।
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