आलीराजपुर, नईदुनिया ब्यूरो। आजादी के 72 साल बाद दूरस्थ आदिवासी अंचल आलीराजपुर को आखिरकार बुधवार को रेल सेवा की सौगात मिल ही गई। साढ़े 48 किमी की रेल लाइन के लिए जिले को सात दशक (72 साल) से अधिक इंतजार करना पड़ा। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन आने से पहले जैसे ही उद्घोषणा हुई तो इंतजार कर रहे लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे। फिलहाल शहर और जिले के लोग गुजरात के वड़ोदरा तक ट्रेन में सफर कर सकेंगे। आम लोगों को तो इससे फायदा होगा ही क्षेत्र का व्यापार और उद्योग भी आगे बढ़ेगा। फरवरी 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह ने झाबुआ में छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना का शिलान्यास किया था। पहले चरण में आलीराजपुर से छोटा उदयपुर के बीच रेल लाइन बिछाई गई है, जिस पर बुधवार को ट्रेन दौड़ी। आलीराजपुर में शुरू होने के साथ ही अब लोगों की उम्मीद धार तक जल्दी ही ट्रेन सुविधा शुरू करने को लेकर बढ़ गई है।
नियमित ट्रेन का यह रहेगा टाइम-टेबल
आलीराजपुर से शाम 4.15 बजे, अम्बारी रिछवीशाम 4.28 बजे, मोटी सादलीशाम 4.39 बजे, पाडलिया रोडशाम 4.53 बजे, छोटा उदयपुर शाम 5.05 बजे, प्रतापनगर शाम 7.35 बजे।
प्रतापनगर वड़ोदरा से यह रहेगा टाइम-टेबल
प्रतापनगर सुबह 10.10 बजे, छोटा उदयपुर दोपहर 12.40 बजे, पाडलिया रोड दोपहर 12.51 बजे, मोटी सादली दोपहर 1.05 बजे, अंबारी रिछवी दोपहर 1.16 बजे, आलीराजपुर दोपहर 1.40 बजे।
ये सीधा लाभ
- 150 रुपए फिलहाल बस से वड़ोदरा जाने पर चुकाने पड़ रहे हैं। यानी आनेजाने के 300 रुपए।
- ट्रेन से यात्रा पर 35 रुपए ही चुकाने होंगे। आने-जाने में 230 रु की बचत।
- 50 फीसदी वनोपज का व्यापार करने वालों को जिले में रेल सेवा का फायदा होगा। गुजरात जाकर सब्जी, फल आदि बेचने पर 100 प्रश तक का लाभ। आलीराजपुर बड़ी आम मंडी है।
- डोलोमाइट उद्योगों को रेल सेवा से जुड़ने पर का सीधा लाभ होगा।
यात्री बोले-
बहुज आनंद थासे 'हमणा ओछा पैसा मां वड़ोदरा पहुंचसी... बहुज आनंद थासे' यह कहना था गुजरात के ग्राम रंगपुर निवासी पारसिंह का। (मतलब -वे अब बेहद कम पैसे में वड़ोदरा पहुंच सकेंगे। इसकी उन्हें बहुत खुशी है।) - पारसिंह
'आमरे गांव में भी ट्रेन आई गोई... हाई तो हमु भी ट्रेन में बौठीन गुजरात जासो'। (मतलब - आखिर हमारे गांव में भी ट्रेन आ ही गई। अब हम भी इसमें बैठकर गुजरात जा सकेंगे।) - शकरिया भाई