नईदुनिया प्रतिनिधि, अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में पिछले दो हफ्तों से लगातार हो रही झमाझम बारिश ने किसानों के चेहरों पर उम्मीद की रोशनी भर दी है। सावन के महीने में सामान्य से अधिक वर्षा के चलते जहां जलाशय और तालाब लबालब हो गए हैं, वहीं खेतों में भी पानी का अच्छा जमाव हो गया है, जिससे खरीफ फसलों की बोवनी तेजी से की जा रही है।
जिले में अब तक कुल 3702 मिमी बारिश हो चुकी है, जो कि पिछले साल की इसी अवधि (2467 मिमी) की तुलना में काफी अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार, अनूपपुर, कोतमा, बिजुरी, जैतहरी, वेंकटनगर, पुष्पराजगढ़, अमरकंटक और बेनीबारी जैसे क्षेत्रों में औसतन 400-500 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। इससे सोन, केवई, तिपान, बकान और अलान जैसी नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है।
लगातार हो रही बारिश का किसानों ने भरपूर फायदा उठाया है। जिले में खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की बोवनी का लक्ष्य 96.28 हजार हेक्टेयर है, जिसमें से अब तक 44 प्रतिशत क्षेत्र में बोवनी पूरी हो चुकी है। अन्य फसलों की बात करें तो-
इस साल कृषि विभाग ने किसानों को दलहन और तिलहन की ओर भी प्रोत्साहित किया है, जिससे लाभकारी खेती को बढ़ावा मिल सके।
जहां एक ओर फसलों की बोवनी में तेजी है, वहीं दूसरी ओर किसानों को डीएपी उर्वरक की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। धान रोपाई के समय डीएपी का छिड़काव आवश्यक होता है, लेकिन जिले में इसकी भारी कमी बनी हुई है।
किसानों को एनपीके उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन यह भी सहकारी समितियों और डबल लॉक केंद्रों पर मौजूद नहीं है। डीएपी की मांग 1990 टन है, जबकि उपलब्धता मात्र 482 टन है। अब तक केवल 206 टन का ही वितरण हो पाया है। कई समितियों में तो डीएपी पूरी तरह खत्म हो चुकी है और जहां उपलब्ध है वहां यह ऊंची दरों पर बेची जा रही है, जिससे किसान आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं।