
नईदुनिया प्रतिनिधि,अनूपपुर: पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की बेटी प्रतिज्ञा सिंह पटेल ने परिवारजनों के साथ अमरकंटक में मां नर्मदा के उद्गम स्थल पर पूजा-अर्चना कर विधि-विधान के साथ सोमवार से अपनी 1330 किलोमीटर लंबी नर्मदा परिक्रमा की शुरुआत की है। प्रतिज्ञा सिंह के नर्मदा परिक्रमा के अवसर पर पिता प्रहलाद पटेल भी अमरकंटक में मौजूद रहे।
परिक्रमा शुरू करने से पूर्व प्रतिज्ञा नर्मदा मंदिर में पूजा अर्चना की तथा मंदिर परिसर के सभी मंदिरों में जाकर मत्था टेका। बताया गया वे लगभग दो वर्षों में नर्मदा परिक्रमा पूर्ण करेंगीं।यह नर्मदा परिक्रमा अपने आप में विशिष्ट और रचनात्मक होगी।।
बेटी प्रतिज्ञा की परिक्रमा का पहला दिन ।माँ नर्मदा उद्गम स्थल अमरकंटक “मंदिर प्रांगण “। pic.twitter.com/R3KwB8Ok2U
— Prahlad Singh Patel ( वृक्ष से जल, जल से जीवन) (@prahladspatel) December 15, 2025
इस दौरान प्रतिज्ञा नर्मदा नदी के दोनों तटों के प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृश्यों को चित्रों के माध्यम से संजोएंगी। प्रतिज्ञा का कहना रहा अपनी इस यात्रा और चित्रों के माध्यम से वे लोगों को नर्मदा मैया के संरक्षण और स्वच्छता का संदेश देंगी।
जानकारी अनुसार अमरकंटक से लेकर मां नर्मदा के अरब सागर में संगम तक के संपूर्ण सफर को प्रतिज्ञा सिंह पटेल चित्रांकन के माध्यम से प्रस्तुत करेंगी। इस यात्रा के हर 150 किलोमीटर के दृश्यों को एक किलोमीटर लंबी पेंटिंग में उकेरा जाएगा।अमरकंटक, ओंकारेश्वर जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर तक की पेंटिंग बनाई जाएगी। इस प्रकार पूरी नर्मदा परिक्रमा को लगभग सात किलोमीटर लंबी पेंटिंग में रूपांतरित करने की तैयारी है।
बताया गया इस यात्रा में प्रतिज्ञा की मामी भी उनके साथ रहेंगी। पेंटिंग से जुड़े उपकरणों और आवश्यक सामग्री के लिए एक विशेष रूप से तैयार मिनी ट्रक भी यात्रा के दौरान चलेगा।
परिक्रमा के दौरान नर्मदा किनारे जहां पहुंचना कठिन होगा, वहां ड्रोन के माध्यम से वीडियो और फोटोग्राफी कराई जाएगी, जिसके आधार पर चित्र बनाए जाएंगे। प्रतिज्ञा ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी पेंटिंग में एक्रेलिक या सिंथेटिक रंगों के बजाय पर्यावरण-अनुकूल पत्थरों, गोंद और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से बने रंगों का उपयोग करेंगी।
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इस नर्मदा परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य नर्मदा मैया के प्रति आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जन-जागरुकता लाना है। प्रतिज्ञा का कहना है कि प्राचीन काल में लोग नर्मदा को स्वच्छ रखने के लिए तांबे के सिक्के और कपास के वस्त्र प्रवाहित करते थे, जो प्रकृति के अनुकूल थे।
आज प्लास्टिक और कृत्रिम वस्तुएं नदी के प्रदूषण का कारण बन रही हैं। बताया गया प्रतिज्ञा कुछ दिन अमरकंटक में रूकेगी तथा माई की बगिया सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों का चित्रांकन करेंगी। इनका कहना रहा कि पिता की प्रेरणा से वह नर्मदा परिक्रमा कर रही हैं। मंत्री प्रहलाद पटेल पूर्व में नर्मदा की परिक्रमा कर चुके हैं।