अशोकनगर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। रातीखेड़ा स्टेशन तक पहुंचने के लिए सड़क का निर्माण अधूरा रहने से स्टेशन आने-जाने वाले यात्रियों सहित कर्मचारियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस खबर को गत 10 जुलाई को नवदुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। खबर प्रकाशन के 2 दिन बाद ही रेल्वे प्रबंधन ने कर्मचारियों व यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए रेल्वे के रिजेक्ट स्लीपरों की मदद से अस्थाई सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ करा दिया है। उल्लेखीनय है कि जिला मुख्यालय से महज 8 किमी दूर स्थित रातीखेड़ा रेल्वे स्टेशन तक पहुंचने के लिए सड़क निर्माण का कार्य ठेकेदार द्वारा बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया है। इससे रेल से सफर करने वाले यात्रियों, उनके स्वजनों व रेल्वे कर्मिंयों को बारिश के मौसम में स्टेशन तक आने-जाने में कठिनाई होती है। उक्त डेढ़ किमी लंबी सड़क को पूरा कराने के लिए ऑल इण्डिया रेल्वे टै्रक मेनटेनर यूनियन के सदस्य मुकेश मीणा व स्टेशन मास्टर राजेश सिंह ने कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सडक़ निर्माण में कोई रूचि नहीं ली गई। इस पर रेल्वे स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों व टै्रकमैनों ने मिलकर 10 हजार रूपये खर्च कर स्वयं ही बारिश के दौरान सडक़ पर आवागमन करने के लिए गिट्टी के टै्रक का निर्माण कराया था। उस ट्रेक को भी वर्तमान में पानी निकासी के लिए नाली निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा खुदाई में निकली मिट्टी डालकर खराब कर दिया गया है।
स्लीपर बिछा रहे, ताकि कीचड से न गुजरना पड़े
पटरी बिछाने वाले स्थान पर उपयोग होने वाले कंक्रीट के बने स्लीपर को रेलवे द्वारा इस मार्ग पर बिछाया जा रहा है। इसमें वह स्लीपर हैं, जो कि खराब हो चुके हैं। इनका ट्रेक पर उपयोग नहीं किया जा सकता। हालांकि यह व्यवस्था अभी अस्थाई है, मगर यहां से गुजरने वाले लोगों को कीचड़ की परेशानी से राहत मिल जाएगी। इसके अलावा वाहन भी इस पर आसानी से गुजर पाएंगे। सड़क निर्माण के लिए पिपरई से रिजेक्ट स्लीपर ट्रकों के माध्यम से लाए जा रहे हैं, जिन्हें क्रैन की सहायता से सडक़ पर बिछाने का कार्य किया जा रहा है।