
नईदुनिया न्यूज, किरनापुर। किरनापुर तहसील के ग्राम पिपलगांव अंतर्गत ग्राम मेंढरा की प्राथमिक शाला में बच्चों को केले के पत्ते पर मध्याह्न भोजन दिए जाने का मामला सामने आया था। इस मामले को संज्ञान में लेकर किरनापुर के बीईओ गणेश सोनी और बीआरसी सीएल टेकाम ने 26 दिसंबर को मेंढरा पहुंचकर शाला का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति देखी गई।
बीआरसी व बीईओ द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान शाला में पदस्थ शिक्षक सूर्यकांत कालबेले और अतिथि शिक्षक योगेश दरवरे शाला में उपस्थित पाए गए। शाला में कुल दर्ज बच्चों की संख्या 17 है, इनमें से 12-13 बच्चे ही शाला में उपस्थित होते है। शाला में बच्चों को मध्याह्न भोजन कराने के लिए 13 थालियां उपलब्ध है और अच्छी स्थिति में पाई गई। बच्चों को केले के पत्ते में भोजन नहीं कराया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान शाला शिक्षक ने बताया कि शाला की 26 थालियां गुम हो गई है, लेकिन शिक्षक द्वारा गुम होने संबंधी वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस में कोई शिकायत नहीं की गई है। शिक्षक ने बताया कि उनके पास राशि नहीं होने से थाली नहीं खरीदी गई है। जबकि राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा आकस्मिक मद में शाला को 5 हजार रुपये की राशि आवंटित की गई थी। जिसमें से 2500 रुपये का आहरण किया जा चुका है और 2500 रुपये की राशि शेष है, जिसका शिक्षक द्वारा उपयोग नहीं किया गया है।
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बीआरसी सीएल टेकाम ने बताया कि शाला के भवन निर्माण का प्रस्ताव वार्षिक कार्य योजना में शामिल है। इसके साथ ही अति नक्सल क्षेत्र के सुपर 100 कार्यों में भी मेंढरा के नवीन शाला भवन का प्रस्ताव शामिल है। निरीक्षण में यह भी पाया गया कि गांव में इतने केले के पेड़ नहीं है कि हर दिन बच्चों को केले के पत्तों में भोजन कराया जा सके। शाला के शिक्षक सूर्यकांत कालबेले को निर्देशित किया गया कि शाला में उपलब्ध राशि का थालियां व बर्तन आदि क्रय करने में उपयोग करें तथा शाला के बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें।