नईदुनिया न्यूज, बालाघाट/उकवा। बालाघाट जिले की उकवा माइंस में गुरुवार सुबह फिर एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने माइंस प्रबंधन और ठेकेदारों की लापरवाही को फिर से उजागर कर दिया। भूमिगत खदान में मशीन की चपेट में आकर ठेका श्रमिक विनय खंडेश्वर (30) की मौत हो गई।
घटना के बाद मृतक के परिजनों को पहले झूठी जानकारी दी गई कि विनय जीवित है। उसको ऑक्सीजन के साथ एंबुलेंस में जिला अस्पताल ले जाया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह थी कि विनय की मौके पर ही मृत्यु हो चुकी थी। यह बात सामने आई तो आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने शव को माइंस के गेट पर रखकर प्रदर्शन किया। ढाई घंटे तक बैहर-बालाघाट मार्ग को जाम कर दिया।
मृतक के भाई विशाल खंडेश्वर खुद भी माइंस में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि विनय को अस्पताल ले जाते समय झूठ बोला गया। उनसे कहा गया कि विनय को ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ जिला अस्पताल ले जाया जा रहा है, जबकि एंबुलेंस में रखा ऑक्सीजन सिलेंडर खाली था। उन्होंने विरोध जताया तो बताया गया कि विनय की मौत हो चुकी है।
सच्चाई सामने आने के बाद गुस्साए परिजन और ग्रामीण विनय का शव लेकर उकवा माइंस के गेट पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि विनय पंप ऑपरेटर था, तो उसे भूमिगत खदान में क्यों भेजा गया। करीब ढाई घंटे तक बैहर-बालाघाट मार्ग पूरी तरह से बंद रहा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पुलिस बल, तहसीलदार और नायब तहसीलदार तेजलाल धुर्वे सहित प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे।
प्रदर्शन बढ़ता देख उकवा खान प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को तत्काल 29 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। कार्यिक कल्याण अधिकारी समीर बैनर्जी ने बताया कि इस राशि में भविष्य निधि, बीमा, विधवा पेंशन, बच्चों की निशुल्क शिक्षा शामिल है। मृतक की पत्नी को ठेका श्रमिक की नौकरी दी जाएगी। दो बच्चों की सातवीं तक शिक्षा डीएवी उकवा में निशुल्क दी जाएगी।