
माही महेश चौहान, नईदुनिया, बालाघाट। बाघ, तेंदुए जैसे वन्यप्राणियों के शिकार के साथ जिले में अब तोतों की तस्करी के मामले सामने आने लगे हैं। घरों में पाले जाने वाले ये खूबसूरत पक्षी छत्तीसगढ़ के पारदी गिरोह के रडार पर हैं। ये गिरोह पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में 25 से 500 रुपये में बेचते हैं। हाल ही में वन विभाग के उड़नदस्ते ने गिरोह को धर दबोचा है। विभाग की पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने बालाघाट में अपनी सक्रियता और तस्करी से जुड़ी कई चौंकाने वाली बातें बताई हैं।
इसके बाद अब जिले में तोतों की तस्करी की चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, इस तस्करी के पीछे समय के साथ गिरोह के बुलंद होते हौसले हैं और इसके पीछे बड़ी वजह है किसान, जो अपनी धान की फसल को जंगली तोतों से बचाने के लिए अक्सर पारदी गिरोह को बुलाते हैं, लेकिन ये गिरोह अब मदद का ये काम को तस्करी में बदल चुका है। ये गिरोह खरीफ सीजन में धान की फसल पर बालियां आने का इंतजार करता है। बालियां आते पर तोतों का फसल पर जमावड़ा लगता है और गिरोह जाल बिछाकर उनका शिकार करते हैं। फिर इन तोतों को छत्तीसगढ़ में बेचते हैं।
पारदी गिरोह छत्तीसगढ़ में सक्रिय है, लेकिन छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे होने के कारण उनकी सक्रियता बालाघाट के लांजी क्षेत्र में भी देखी जा रही है। लांजी क्षेत्र के वन व राजस्व क्षेत्र को वो निशाना बना रहे हैं। इन तोतों का शिकार करके इन्हें अच्छे-खासे दाम में बेच देते हैं। ये गिरोह तोता के अलावा तीतर पक्षी व लावा पक्षी का भी शिकार करते हैं। इस बात का खुलासा वन विभाग की कार्रवाई में हुआ है।
खरीफ में बालाघाट में धान का उत्पादन बहुताय में होता है। धान की बालियां आते ही तोते खेतों में झुंड में पहुंचते हैं और फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इस नुकसान से बचने के लिए किसान अक्सर इसी पारदी गिरोह की मदद लेते हैं। किसान उन्हें तोता पकड़ने के लिए बुलाते हैं। अब किसानों की यही मजबूरी गिरोह के फायदे का सौदा साबित हो रही है। धान में बालियां आते ही शिकारी सक्रिय हो गए हैं। बालाघाट में तोतों की तीन प्रजाति भिलाऊ, हरियल व करण प्रमुखता से निवास करती है। इसमें से सबसे अधिक डिमांड करण प्रजाति के तोतों की होती है। ये अधिक दाम में बिकते हैं। तोतों की पहचान कर उन्हें पकड़ने का काम पारधी गिरोह के लोग छत्तीसगढ़ से आकर करते हैं।
शेरसिंह पिता अमृतलाल पारदी ग्राम अछोली डोंगरगढ़- सुमेर सिंह पिता अमृतलाल पारदी ग्राम अछोली डोंगरगढ़- भारत पिता जीवन पारदी खोबाटोला डोंगरगढ- संतोष पिता कन्हैया बोरसी बेमेतरा - विनय पिता बुधारसिंह ग्राम अछोली डोंगरगढ़।
पश्चिम लांजी वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत राजस्व ग्राम कुम्हारीकला में अवैध तरीके से पारदी गिरोह द्वारा तोते पकड़ने पर पांच लोगों को पकड़ा गया है। पूछताछ में पता चला है कि वे लोग 25 रुपये से 500 रुपये तक में तोतों को छत्तीसगढ़ में ले जाकर बेच देते हैं। विवेचना जारी है। अजय चौरे, उड़नदस्ता प्रभारी।