
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट: एशिया की सबसे बड़ी तांबे की खदान मलाजखंड ताम्र परियोजना (MCP) में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां की अंडरग्राउंड खदान में श्रमिकों से भरी मिनी बस पलट गई। बस के नीचे दबने से 22 मजदूर घायल हो गए।
हादसे में किसी की मृत्यु की खबर नहीं है। चार-पांच श्रमिकों की गंभीर स्थिति देखते हुए उन्हें तत्काल भिलाई रेफर किया गया है। जबकि अन्य घायलों का उपचार भी भिलाई और गोंदिया में होगा, जिन्हें देर शाम तक एंबुलेंस व निजी चौपहिया वाहनों से भिलाई भेजा गया।

हादसे के बाद घायलों को पहले मलाजखंड अस्पताल लाया गया। यह दुर्घटना मलाजखंड कापर प्रोजेक्ट के लिए कार्य करने वाली निजी कंपनी SMS की अंडरग्राउंड माइंस में हुआ है। बताया गया कि सेकंड शिफ्ट में रोज की तरह मजूदर श्रमिक बस में बैठकर खदान के अंदर जा रहे थे, तभी ये हादसा हो गया। अधिकतर मजदूरों के पैर में चोट है। हादसे की वजह बस का ब्रेक फेल होना बताया गया है।
हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार, बस चालक की सूझबूझ से बड़ा हादसा टाल गया। कुछ मजदूरों ने बताया कि बस की गति अधिक नहीं थी। अगर बस तेज गति में होती और चालक सूझबूझ नहीं दिखाता, तो मजदूरों की जान भी जा सकती थी। बिरसा थाना प्रभारी रेवल सिंह बरडे ने बताया कि हादसे में किसी की मृत्यु नहीं हुई है। करीब 22 मजदूर घायल हुए हैं, जिन्हें भिलाई रेफर किया गया है।
घटना के बाद मलाजखंड अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। मजदूरों के परिजनों की भीड़ अस्पताल परिसर व वार्ड में जमा हो गई। घायलों की संख्या अधिक होने और मलाजखंड अस्पताल में अपर्याप्त चिकित्सा उपकरण व स्वास्थ्य अमला न होने के कारण बिरसा के स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ की मदद ली गई। अस्पताल में स्ट्रेचर कम पड़ने के कारण बिरसा स्वास्थ्य केंद्र से स्ट्रेचर लाने पड़े।
अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण घायलों के परिजनों में नाराजगी भी देखने मिली। इसके अलावा, स्थानीय लोगों ने माइंस प्रबंधन पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मजदूरों से सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था किए बिना और अनिवार्य चेकअप के बिना काम करवाया जा रहा है। हादसे के बाद मजूदरों व उनके परिजनों में गुस्सा है।
यह भी पढ़ें- उपभोक्ता की शिकायत पर आयोग का बड़ा फैसला, MP की कोरियर कंपनी की लापरवाही पर लगाया 15 हजार का जुर्माना