
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट: बालाघाट की कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे और डीएफओ नेहा श्रीवास्तव के बीच विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। डीएफओ द्वारा दो से तीन लाख रुपये मांगने का आरोप लगाए जाने के बाद, जांच समिति ने विधायक को क्लीन चिट दे दी है। इसके बाद अनुभा मुंजारे ने कहा कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। उन्होंने चेतावनी दी है कि अब वह मानहानि का मुकदमा दायर करेंगी।
सोमवार को पत्रकार वार्ता में विधायक मुंजारे ने कहा कि “विधायक के विशेषाधिकार होते हैं और ऐसे मामलों की जांच का अधिकार सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष को है, लेकिन मुझे बदनाम करने के लिए जांच कराई गई। इससे मेरे सम्मान को ठेस पहुंची है।” उन्होंने बताया कि वह हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगी और झूठे आरोप लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करेंगी।
विधायक और डीएफओ के बीच विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब लालबर्रा वनपरिक्षेत्र में एक मृत बाघिन का शव प्रोटोकॉल का पालन किए बिना जला दिया गया था। इस घटना को विधायक ने विधानसभा में उठाया था। उनका कहना है कि इसी मामले में बातचीत के लिए डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने उन्हें रेस्ट हाउस में बुलाया था, जिसके बाद डीएफओ ने विधायक पर रुपये मांगने का आरोप लगाया और वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी।
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