
बालाघाट (नईदुनिया प्रतिनिधि)। किसान की खेती को लाभ का धंधा बनाने और उसे प्रायवेट कंपनियों से कृषि उपकरणों के फायनेंस के बाद होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए केंद्रीय सहकारी बैंक अब खरीफ व रबी की फसल के लिए ऋण देने के आगे कदम बढ़ा रहा है। इसके तहत अब यह बैंक किसानों को कृषि उपकरणों के लिए भी ऋण देना का कार्य कर रहा है और इस योजना के तहत अब किसान सहकारी समितियों के माध्यम से ट्रैक्टर, हार्वेस्टर समेत अन्य कृषि उपकरण खरीदकर बेहतर तरीके से कृषि कार्य को कर सकेंगे।
लाभ के लिए होना होगा ईमानदार
सहकारी केंद्रीय बैंक व नाबार्ड की इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान को लगातार तीन साल तक ईमानदार होना पड़ेगा। जिसके बाद ही उसे ऋण योजना का लाभ मिल सकेगा। तीन साल के रिकार्ड के बीच खरीफ व रबी के सीजन में फसल के लिए गए ऋण को यदि किसान चुका नहीं पाया है तो फिर उसे इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
समिति भी लाभ में होना जरुरी
जिले में केंद्रीय सहकारी बैंक के 126 सहकारी समितियां संचालित है जो किसान को खरीफ-रबी के सीजन में ऋण देने का कार्य, समर्थन मूल्य पर धान, गेहूं खरीदी का कार्य करती है और यहीं समितियां किसानों को कृषि उपकरण के लिए ऋण देंगे लेकिन किसानों को उपकरणों के लिए ऋण सिर्फ वे ही समितियां दे पाएगी जो विगत कई वर्षों से लाभ में चल रही है और जिले में सिर्फ 12 ही ऐसी समितियां है जो लाभ में चल रही है।
ब्याजदर भी कम करने की कोशिश
केंद्रीय सहकारी बैंक की कृषि उपकरण ऋण योजना का किसान लाभ ले सके इसके लिए बैंक प्रबंधन ने ब्याजदर भी कम लेने का फैसला लिया है। जिसके तहत बैंक नौ प्रतिशत की दर से समितियों को देंगी और समितियां 10.30 प्रतिशत से हितग्राहियों को ऋण देगी। साथ ही अलग-अलग कृषि उपकरण में अलग-अलग प्राथमिकता भी निर्धारित की गई हैं।
फोकस पाइंट
-केंद्रीय बैंक मध्यकालीन कृषि ऋण योजना के तहत कृषि उपकरणों के लिए किसानों को देगा ऋण।
-कृषि उपकरण खरीदने के बाद निजी संस्थानों से होने वाली परेशानियों से बचाव की है ये योजना।
-योजना के तहत उपकरण लेने पर कृषि कार्य होगा आसान।
-केंद्रीय बैंक के पंजीकृत किसानों को तीन साल तक नहीं होना होगा डिफाल्टर।
-केंद्रीय सहकारी बैंक में तीन लाख 13 हजार 506 किसान है पंजीकृत।
-126 सहकारी समितियों में सिर्फ 12 समितियां है लाभ पर।
इनका कहना
किसानों को समृद्ध बनाने और उन्हें प्रायवेट कंपनियों के हाथों परेशान होने से बचाने के लिए ऋण योजना बनाई गई हैं। जिसके तहत किसानों को समितियों के माध्यम से अब कृषि उपकरणों के लिए ऋण मिलेगा। जिले को एक करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य मिला है और 126 समितियों के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा।-राजीव सोनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, केंद्रीय सहकारी बैंक।