नईदुनिया न्यूज, तिरोड़ी। तिरोड़ी थाना क्षेत्र में इन दिनों जुआ सट्टा अपनी चरम पर पहुंच गया है। यहां पर महाराष्ट्र राज्य से लोग आकर जुआ सट्टा खिला रहे है। इतना ही नहीं मुर्गा लगाई पर भी हजारों का दांव लग रहा हैं। ऐसे में युवा पीढ़ी इसकी चपेट में आ रही है। एक तरफ जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जुआ सट्टा, शराब पर अंकुश लगाने की बात कर रहे है, लेकिन तिरोड़ी क्षेत्र में देशी विदेशी शराब दुकानों से चोरी छिपे शराब बेची जा रही है। मुर्गा लड़ाई में हजारों का दांव लगने के बाद भी पुलिस इस बात से बेखबर है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस का मुखबिर नेटवर्क भी फेल हो गया हैं।
बता दें कि ग्राम बोनकट्टा, चोर पिंडकेपार, चंदरकुआ के बीच सप्ताह में एक दिन बाजार लगाता है। जिसमें मुर्गा लड़ाई का खेल चलता है और शौकीनों की भीड़ लगी रहती है। मुर्गा लड़ाई का खेल कराने वाले इसकी आड़ में बेखौफ हजारों रुपये के दांव लगाते है।
जानकारी के अनुसार, मुर्गा लड़ाई पर 21 सौ से लेकर दस हजार रुपये तक के दांव लगते है। सप्ताह में एक दिन लगने वाले इस बाजार में सुबह करीब आठ बजे शुरू हुई मुर्गा लड़ाई करीब दोपहर तीन बजे तक चलती है। मुर्गा लड़ाई का खेल कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है। पुलिस दबिश देकर इस खेल के शौकीनों के खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकती है। पशु पक्षियों की लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगा रखी है। अभी तक तो इस लड़ाई पर मुर्गा लाने वाले ही दांव लगा रहे है, लेकिन इस खेल के प्रति युवा वर्ग का ज्यादा रुझान देखने को मिल रहा है।
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मुर्गा लड़ाई को एक क्रूर खेल माना जाता है। जिसमें मुर्गों को उनके पैरों में बांधे गए छोटे चाकू या प्राकृतिक कांटों से एक दूसरे पर वार करने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उनकी अक्सर मौत हो जाती है। इस खेल से बड़ी मात्रा में अवैध धन जुड़ा होता है और आयोजक, जुआरी इस पर बड़ी रकम दांव पर लगाते हैं। मुर्गा लड़ाई के आयोजनों में अक्सर शराब के अड्डे और जुआ के अन्य रूपों में भी शामिल होते है, जो इसे अपराध से जोड़ते है।
इस पूरे मामले पर तिरोड़ी थाना प्रभारी सूर्या कौशल ने कहा कि मुर्गा लड़ाई क्षेत्र में चल रही है, यह मेरे संज्ञान में नहीं है। आपके के तरफ से मामला संज्ञान में लाया गया है, जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।