नईदुनिया प्रतिनिधि, बैतूल। जिले के शाहपुर तहसील के ग्राम ढुढुर निवासी गंजू उइके ने वर्ष 2019 में हरदा के एक ठेकेदार से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था। कर्ज न चुका पाने पर ठेकेदार ने उसके आठ साल के बेटे को अपने पास रख लिया और कहा कि कर्ज अदा करने पर ही बच्चा वापस मिलेगा।
जन साहस संस्था को इस मामले की जानकारी मिलने पर प्रशासन की मदद से 12 सितंबर को हरदा जिले से बच्चे को मुक्त कराया गया। बैतूल में बाल कल्याण समिति के सामने पेश किए जाने पर दस्तावेज न होने के कारण बच्चे को छिंदवाड़ा बालगृह भेज दिया गया।
अब 13 साल का हो चुका बच्चा पांच साल तक बंधुआ बना रहा। स्वजन के पास जन्म प्रमाण पत्र भी न होने से समस्या और बढ़ गई। बच्चे के पिता ने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन दिया है।
कब वापस सौपेंगे
जन साहस संस्था की जिला समन्वयक पल्लवी टाटकर ने बताया कि बच्चे को आठ साल की उम्र से बंधक बनाकर काम कराया जा रहा था। बाल कल्याण समिति बैतूल के अध्यक्ष अभिषेक जैन ने कहा कि कानूनी प्रावधानों के चलते बिना दस्तावेज बच्चा माता-पिता को नहीं सौंपा जा सकता। महिला एवं बाल विकास विभाग की रिपोर्ट और दस्तावेज पूरे होने पर ही बच्चे को स्वजन के सुपुर्द किया जाएगा।