बैतूल, नवदुनिया प्रतिनिधि। जिले के ग्राम भरकावाड़ी में खेती करने वाले किसान के बेटे ने अपनी कड़ी मेहनत और देश की सेवा के जज्बे की बदौलत एएफ-कैट(एयर फोर्स कामन एडमिशन टेस्ट) की परीक्षा में सफलता हासिल कर भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग आफिसर बनकर जिले का नाम रोशन किया है। मात्र 12 एकड़ में खेती करने वाले किसान घनश्याम वामनकर के पुत्र स्नेहल वामनकर दो साल की कड़ी मेहनत के बाद 21 जनवरी 2023 को पासिंग आउट परेड में शामिल होकर फ्लाइंग आफिसर बन गए हैं।
स्नेहल ने बताया कि बैतूल के निजी स्कूल में कक्षा 12 वीं तक की पढ़ाई करने के दौरान कभी भी उसे ऊंचाई कम होने की वजह से एनसीसी में शामिल नहीं किया गया। भोपाल के आरजीपीवी कालेज में कंप्यूटर साइंस में प्रवेश लेने के बाद एनसीसी में शामिल हुआ और तीन बार राज्यस्तरीय परेड में हिस्सा लेने के साथ राजपथ पर भी कर्तव्य परेड में एक बार प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
बहुत सामान्य पृष्ठभूमि के बावजूद स्नेहल ने अपनी मेहनत से मनचाहा मुकाम हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत की। पिता ने भी सीमित आय के बावजूद भी हर जरूरत को पूरा किया। स्नेहल ने बताया कि जुलाई 2020 में एएफ-कैट की तैयारी प्रारंभ की। इस परीक्षा में देश के 204 प्रतिभागी सफल हुए थे। चयन के बाद हैदराबाद एयरफोर्स एकेडमी में एक वर्ष का प्रशिक्षण दिया गया और एक वर्ष तक तकनीकी कालेज बेंगलुरु में प्रशिक्षण हासिल कर 21 जनवरी 2023 को पास आउट हुआ।
स्नेहल ने बताया कि भोपाल में कालेज आने और जाने में किराया अधिक लगता था, इस कारण साइकिल से रोज 20 किमी की दूरी तय करता था। कोरोना संक्रमण काल के दौरान घर पर ही 15 से 16 घंटे तक परीक्षा की तैयारी करने वाले स्नेहल का कहना है कि युवाओं को अपना एक लक्ष्य तय करना चाहिए और उसे हासिल करने के लिए कड़े प्रयास करते रहना चाहिए। कभी भी असफलता से डरना नहीं, बल्कि अपनी कमियों को सुधारने की दिशा में सोचना चाहिए। एक दिन सफलता जरूर मिलेगी और हम अपने लक्ष्य को जरूर पा लेंगे।
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