मुलताई। मुलताई के रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के स्टापेज की मांग को लेकर बुधवार को जनआंदोलन मंच के आव्हान पर सुबह से लेकर दोपहर तक मुलताई का बाजार पूरी तरह बंद रहा। रेलवे स्टेशन के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने जब रोका तो पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई और भारी तकरार के बाद पुलिस ने 40 नामजदों सहित दो सैकड़ा लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि एक महीने के भीतर दो नई ट्रेनों का स्टापेज नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा।
पवित्र नगरी में ट्रेन स्टापेज को लेकर जन आंदोलन मंच द्वारा किए जा रहे आंदोलन में दो पूर्व विधायक सुखदेव पांसे, पीआर बोडखे सहित भाजपा के रवि यादव, कृष्णा दरवई, सपा के जिलाध्यक्ष अनिल सोनी, बसपा के कुलदीप पहाड, भाकपा के महेश शर्मा, शिवसेना के रजनीश गिरे, आप के सुमीत शिवहरे सहित बडी संख्या में सभी दलों के कार्यकर्ता, नगरवासी दोपहर 12 बजे फव्वारा चौक पर एकत्रित हुए।
जहां से रैली के रूप में ट्रेनों के स्टापेज को लेकर नारे लगाते हुए रेलवे स्टेशन चौक पहुंचे। स्टेशन चौक पर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल सहित जीआरपी के अधिकारी एवं रेलवे के अधिकारी मौजूद थे। नारेबाजी के बाद आंदोलनकारियों ने ट्रेन रोकने के लिए रेलवे स्टेशन परिसर के भीतर घुसने का प्रयास किया प्रदर्शनकारियों को जब पुलिस ने रोका तो वे भडक गए और पुलिस एवं आंदोलनकारियों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
काफी देर तक तकरार के बाद पूर्व विधायकों सहित जन आंदोलन मंच के कार्यकताओं ने गिरफ्तारी दी। पुलिस आंदोलनकारियों को लेकर कन्या शाला पहुंची, जहां से थोडी देर बाद आंदोलनकारियों को निजी मुचलके पर छोड दिया गया। गौरतलब है कि आंदोलन के एक दिन पूर्व ही सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन द्वारा 12 लोगों पर 151, 107, 116 दप्रसं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया था।
पुलिस आंदोलन कुचलने आई है, ऐसा नहीं होने देंगे
रेलवे स्टेशन चौक पर पहुंचे आंदोलनकारियों को जब पुलिस द्वारा धक्का दिया जाने लगा तो पूर्व विधायक सुखदेव पांसे सहित जन आंदोलन मंच के कार्यकर्ता भडक गए। सुखदेव पांसे ने पुलिस से कहा कि यदि बदतमीजी करोगे तो ठीक नही होगा। अनिल सोनी ने कहा कि यह जनहित का मुद्दा है इसे लाठी से कुचलने का प्रयास न करें।
रवि यादव ने कहा कि हमने लगातार शांतिपूर्ण ढंग से रेल मंत्री सहित अधिकारियों से ट्रेन स्टापेज की मांग की, लेकिन हमें आश्वासन के सिवाय कुछ नही मिला इसलिए आंदोलन के लिए बाध्य होना पडा। इसमें पुलिस तथा रेलवे अधिकारियों द्वारा सहयोग किया जाना चाहिए क्योंकि ट्रेन स्टापेज नही होने से किसान, व्यापारी, छात्र सहित आम लोग सभी प्रभावित हो रहे हैं। पवित्र नगरी की भी उपेक्षा हो रही है।