उम्र कम होने से नौंवीं कक्षा में नहीं मिल रहा था प्रवेश, कलेक्टर ने पूछा तो पता चला प्राचार्य को नियम ही नहीं पता, डांटकर तत्काल कराया प्रवेश
कलेक्टर ने सभी बच्चों और उनके पालकों की पूरी बात गंभीरता से सुनी। छात्रों ने बताया कि उनकी उम्र 13 वर्ष है और आठवीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। स्कूल के प्राचार्य उन्हें यह कहकर प्रवेश नहीं दे रहे कि जब तक वे 14 वर्ष के नहीं हो जाते, तब तक उन्हें नौवीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा। छात्रों ने बताया कि ऐसे लगभग 22 विद्यार्थी है।
Publish Date: Wed, 23 Jul 2025 06:47:28 PM (IST)
Updated Date: Wed, 23 Jul 2025 07:07:44 PM (IST)
फोटो- कलेक्टर ने प्रवेश न मिलने से परेशान बच्चों से चर्चा की।HighLights
- स्कूल प्राचार्य को ही नियम का ज्ञान नहीं था।
- कलेक्टर ने बच्चों को प्रवेश के निर्देश दिए।
- अब सभी संबंधित बच्चे स्कूल जा सकेंगे।
नवदुनिया प्रतिनिधि, बैतूल। जिले के ग्राम सातनेर में 22 विद्यार्थियों को 14 वर्ष की उम्र पूरी न होने पर कक्षा नौवीं में प्रवेश नहीं मिल रहा था। इस परेशानी को लेकर छात्र और उनके पालकों ने कलेक्टर के पास पहुंचकर मदद मांगी। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग एवं जन जातीय कार्य विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया और किस नियम के कारण प्रवेश नहीं मिल रहा इसकी पड़ताल कराई। जांच में पाया गया कि विद्यालय के प्राचार्य को प्रवेश नियमों की सही जानकारी नहीं थी, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और तत्काल ही सभी बच्चों को शाला में प्रवेश के निर्देश दिए।
यह है पूरा मामला
- आठनेर ब्लाॅक के ग्राम सातनेर के शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल के विद्यार्थी अपने पालकों के साथ बुधवार को कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी से मिलने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे।
- कलेक्टर ने सभी बच्चों और उनके पालकों की पूरी बात गंभीरता से सुनी। छात्रों ने बताया कि उनकी उम्र 13 वर्ष है और आठवीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं।
- स्कूल के प्राचार्य उन्हें यह कहकर प्रवेश नहीं दे रहे कि जब तक वे 14 वर्ष के नहीं हो जाते, तब तक उन्हें नौवीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- छात्रों ने बताया कि ऐसे लगभग 22 विद्यार्थी हैं, जिन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा हैं। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विवेक पांडे एवं जिला शिक्षा अधिकारी अनिल सिंह कुशवाहा को तलब कर समस्या का मौके पर ही निराकरण करने के निर्देश दिए।
जांच में पाया गया कि विद्यालय प्राचार्य को प्रवेश नियमों की सही जानकारी नहीं थी, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई।
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसे सभी विद्यार्थी जिन्हें उम्र के आधार पर प्रवेश से वंचित किया गया है।