
नईदुनिया प्रतिनिधि, बैतूल। जिले में जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावासों के बिजली बिलों की राशि को फर्जी वेंडरों के खातों में जमा कर 40 लाख रुपये से अधिक का गबन करने का मामला सामने आया है। इस घोटाले में शामिल पाए गए तीन कर्मचारियों को कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
यह घोटाला वर्ष 2018 से 2025 के बीच जनपद पंचायत बैतूल में अटैच तीन कर्मचारियों (सहायक ग्रेड-2 वर्षा कमाविसदार, सहायक ग्रेड-3 नितेंद्र कुमार पांडे और भृत्य (आपरेटर) छत्रपाल मर्सकोले द्वारा किया गया।
जांच में पता चला कि इन कर्मचारियों ने बैतूल, मुलताई, प्रभातपट्टन और आमला विकासखंडों में संचालित छात्रावासों के बिजली बिलों की राशि विद्युत वितरण कंपनी के बजाय कंपनी के नाम से बनाए गए फर्जी वेंडरों के खातों में जमा की। जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) शिवानी राय ने ऑनलाइन रिकार्ड की जांच के दौरान यह गड़बड़ी पकड़ी। अब तक सात फर्जी वेंडर सामने आए हैं।
इनमें से फर्जी वेंडर धर्मेंद्र वरकड़े के बैंक खाते में पांच लाख 24 हजार रुपये की फर्जी जमा पाई गई। पूछताछ में भृत्य छत्रपाल मर्सकोले ने गबन स्वीकार किया और उक्त राशि वापस जनपद के खाते में जमा कराई।
सीईओ राय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में और अनियमितताओं की संभावना है, क्योंकि यही कर्मचारी छात्रावासों के बिजली बिल, वेतन और अन्य भुगतानों की जिम्मेदारी संभालते थे।
मामले में पुलिस को प्रतिवेदन सौंपकर प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आगे की जांच कोषालय और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा की जाएगी।