तेज वर्षा से जहां आम जनजीवन प्रभावित हुआ, वहीं खेतों में पककर खड़ी सोयाबीन की फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई। बैतूलबाजार के किसान एस.के. वर्मा ने बताया कि उन्होंने आठ एकड़ में सोयाबीन बोई है, जो पूरी तरह पक चुकी है। ऐसे समय में लगातार बारिश होने से दानों के अंकुरित होने का खतरा है। इससे सोयाबीन की गुणवत्ता और मंडी भाव दोनों प्रभावित होंगे।
शहर की कई सड़कों पर पानी भर गया। जिन स्थानों पर देवी प्रतिमाओं की स्थापना के लिए पंडाल लगाए गए थे, वहां भी पानी रोकने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने पड़े। श्रद्धालुओं और आयोजकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि उमस भरी गर्मी के बाद लोगों को ठंडी हवाओं और बारिश से राहत भी मिली, लेकिन किसानों और आयोजकों की चिंता और बढ़ गई।
भू-अभिलेख कार्यालय के अनुसार, इस वर्ष अब तक जिले में सामान्य से 139.2 मिमी कम वर्षा हुई है। बैतूल में अब तक कुल 673.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 957.2 मिमी हुई थी। औसतन अब तक 944.7 मिमी वर्षा दर्ज होती है, जबकि सामान्य औसत 1083.9 मिमी है। यानी इस बार करीब 5.57 इंच वर्षा की कमी रही है। पिछले सप्ताह मात्र 0.76 इंच (करीब 19.3 मिमी) वर्षा दर्ज हुई।
जिले के अधिकांश विकासखंडों में औसत से कम वर्षा हुई है। केवल भैंसदेही और घोड़ाडोंगरी क्षेत्रों में सामान्य बारिश दर्ज हुई, जबकि रानीपुर और पाढर में काफी कम वर्षा हुई। खासकर घोड़ाडोंगरी के चोपना इलाके में अपेक्षाकृत ज्यादा पानी गिरा।
होगी भारी बारिश
मौसम केंद्र भोपाल ने अगले 1-2 दिनों में प्रदेश के कई जिलों, जिनमें बैतूल भी शामिल है, में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा की संभावना जताई है। चेतावनी में कहा गया है कि तेज हवाएं और बिजली गिरने का खतरा बना रहेगा। तेज हवा चलने से धान और गन्ने की फसल के खेतों में आड़े हो जाने का संकट भी मंडरा रहा है।
इसे भी पढ़ें- इंदौर मेट्रो पहली बार हीरा नगर स्टेशन तक पहुंची, दशहरे तक रेडिसन चौराहे तक ट्रायल रन