मुलताई (नवदुनिया न्यूज)। डहुआ में आयोजित रामलीला में शनिवार रात्रि लक्ष्मण शक्ति की लीला का मंचन किया गया। मेघनाथ से युद्ध करते समय इंद्रजीत मेघनाथ ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए शक्ति बाण चलाया जिससे लक्ष्मण मूर्छित हो गए। यह देख श्रीराम पर मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उन्होने भाई की मूर्छा पर विलाप करते हुए कहा कि हे लक्ष्मण यदि तुमको कुछ हुआ तो मैं अयोध्या जाकर माताओं एवं प्रजा को क्या उत्तर दूंगा। श्रीराम के बुलाने पर सुर्सैन वैद्य ने लक्ष्मण का उपचार किया लेकिन शक्ति बाण के प्रयोग के कारण उन्हे संजीवनी की आवश्यकता थी इसलिए उन्होने कहा कि यदि सुबह तक संजीवनी बूटी लाई जाए तो लक्ष्मण के प्राण बच सकते हैं। यह देख हनुमान जी तत्काल हिमालय पर जाने के लिए तैयार हुए। श्रीराम ने कहा कि हे हनुमान यह कैसे संभव होगा कि तुम इतनी दूर जाकर सुबह तक वापस आ सको। इस पर हनुमान जी ने कहा कि हे प्रभु मैं उड़ते हुए हिमालय पर्वत पर जाऊंगा और सुबह होने के पूर्व संजीवनी लेकर वापस भी आ जाऊंगा। इस पर श्रीराम कृतज्ञता से बोले कि हे हनुमान तुम मेरे सच्चे सेवक हो।
छिंदवाड़ा से पहुंचे रामलीला मंडली के सदस्यः
डहुआ में आयोजित रामलीला का मंचन देखने छिंदवाड़ा रामलीला मंडली के सदस्य डहुआ पहुंचे और रामलीला का आनंद उठाया। इस दौरान डहुआ रामलीला मंडली के सदस्यों द्वारा उनका स्वागत किया गया तथा मां कामाक्षा का छायाचित्र भेंट किया गया। छिंदवाड़ा रामलीला मंडली के सदस्यों द्वारा डहुआ के कलाकारों को अयोध्या में रामलीला का मंचन करने का भी न्योता देते हुए कहा कि छिंदवाड़ा की रामलीला मंडली द्वारा अयोध्या में रामलीला का मंचन किया जाएगा जिसमें डहुआ के कलाकार भी आमंत्रित हैं।